क्या आप जानते हैं कि हवाई जहाज का रंग सफेद ही क्यों होता है? अपने जब भी हवा में उड़ता हुआ हवाई जहाज देखते हैं, तो वो अमूमन सफेद ही रंग का होता हैं.
लेकिन क्या कभी आप ने ये जानने की कोशिश की हैं कि ऐसा क्यों होता हैं? आज हम आपको इस रहस्य के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं. आज के इस आर्टिकल में हम आपको हवाई जहाज के सफेद रंग के पीछे छुपे कुछ खास कारणों के बारे में जानकारी देंगे. जिसको जानने के बाद आपको इसके पीछे की मिस्ट्री समझ में आ जाएगी. तो चलिए जानते हैं....
हीट से बचाता हैं
विज्ञान के अनुसार सफेद रंग प्रकाश का सबसे अच्छा परावर्तक होता हैं. जिन लोगों ने दशवीं और बारहवीं में फिजिक्स पढ़ी होगी, उन्हें ये बात जल्दी से समझ आ सकती हैं. असल में हवाई जहाज जमीन से काफी ऊंचाई पर उड़ता हैं. जिसके कारण वो सूर्य की गर्म किरणों से काफी करीब होता है. ऐसे में उस हीट को हवाई जहाज के अंदर जाने से रोकने के लिए इसका रंग सफेद रखा जाता हैं. सफेद रंग इस पर पड़ने वाली गर्म किरणों को जल्दी से परावर्तिति कर देता है. जिससे ज्यादा हीट बॉडी से होता हुआ अंदर नहीं पहुँच पाता हैं और अंदर बैठे लोगों को गर्मी नहीं महसूस होती हैं.
डेंट या दरार अच्छे से दिख जाता हैं
कई बार ऐरोप्लेन में दरार आ जाता हैं. जिसकी वजह से जब वो निरीक्षण के लिए जाता है तभी उसे रिपेयर किया जाता है. लेकिन अगर आप हवाई जहाज को सफेद के अलावा अन्य किसी रंग में रंगते हैं. तो आपको ये डेंट जल्दी से दिखाई नहीं देते हैं. वहीं सफेद रंग में ये दरारे बहुत जल्दी दिखाई दे जाते हैं. इसलिए सफेद रंग जरुरी होता हैं.
दुर्घटना के समय ढूढ़ने में आसानी होती है
अक्सर हवाई जहाज क्रैश हो जाते हैं. जिसकी वजह से कई बार उन्हें ढूढ़ने में दिक्कतें होती हैं. ऐसे में सफेद रंग होने से इसे आप बहुत ही आसानी से रात में भी ढूढ़ सकते हैं. इसके अलावा अगर हवाई जहाज समुद्र में भी गिर जाये तो भी सफेद रंग से ऊसर ढूढ़ने में हेल्प मिलती हैं.
पैसा और समय बचता है
आपको जानकर हैरानी होगी कि सफेद रंग काफी सस्ता मिलता हैं. साथ ही इसको पूरे प्लेन पर लगाने पर अन्य रंगों की तुलना में कम समय लगता हैं. जिससे पैसे और समय दोनों की बचत हो जाती है.
वजन बढ़ने की दिक्कत नहीं होती
सफेद रंग अन्य रंगों के मुकाबले काफी हल्का माना जाता हैं. ऐसे में इसे लगाने से विमान का भार ज्यादा नहीं बढ़ता है. वहीं दूसरी तरफ दूसरे कलर लगाने से विमान का भार बढ़ने की संभावना होती हैं. जिससे इसमें लगने वाला ईंधन ज्यादा खर्च होता है.