Sunday वाले दिन हर कोई घर में सुकून से बैठ कर चाय पीना पसंद करता हैं क्योंकि आमतौर पर स्कूल से लेकर ऑफिस तक हर जगह संडे वाले दिन हॉलिडे रहती हैं.
काम पर जाना नहीं होता है. इसलिए हर कोई इस दिन आराम से चैन के साथ बिताना पसंद करता हैं. कई लोग फॅमिली के साथ घूमने जाते है, कई लोग संडे वाले दिन चैन से देर तक सोते हैं. ऐसे में संडे को काफी ज्यादा सुकून भरा माना जाता हैं. लेकिन क्या आप ने काफी ये सोचा है कि आखिर SUNDAY वाले दिन ही क्यों छुट्टी होती हैं? हफ्ते के किसी और दिन क्यों नहीं? दरअसल इस बात का जवाब बहुत ही इंटरेस्टिंग है लेकिन इसको जानते बहुत ही कम लोग हैं. अगर आपको भी इसका जवाब नहीं पता है, तो ये आर्टिकल आपके लिए ही हैं. इसके जरिए आज हम आपको इसके पीछे का राज बताने जा रहे हैं..
Sunday का महत्व
Sunday का महत्व स्टूडेंट्स से लेकर काम करने वाले तक हर किसी के लिए काफी ज्यादा होता हैं. हफ्ते में सात दिन होते हैं, जिनमें से 6 दिनों तक काम और स्कूल-कॉलेजेज चलते हैं. ऐसे में हर कोई काफी ज्यादा थक जाता हैं और वो अपने मानसिक तनाव, काम के बोझ और थकान से रिलैक्स होने के लिए संडे का इंतजार बहुत बेसब्री से करता है.
Sunday के दिन हर कोई आराम फरमाना चाहता हैं. इसलिए कई सारे लोग संडे को लेट से सो कर उठते है, तो वहीं कुछ संडे वाले दिन भी जल्दी उठकर परिवार के बाकी सदस्यों के साथ टाइम बिताना पसंद करते हैं. हफ्ते भर के स्ट्रेस, थकान आदि से आजादी पाने के लिए अब संडे लोगों के लिए बहुत जरुरी हो गया हैं.
Sunday को ही क्यों होती है छुट्टी?
ये बात तो आप सभी जानते हैं कि Sunday इंग्लिश में हफ्ते के दिनों के नाम में से एक नाम हैं. जिसे हिंदी में आप रविवार और उर्दू में इतवार के नाम भी जानते हैं. लेकिन चूँकि संडे इंग्लिश वर्ड है, तो जाहिर सी बात हैं कि इस दिन को छुट्टी के तौर पर मनाने का कॉन्सेप्ट भी अंग्रेजों/ईसाईयों का ही रहा होगा.
इसलिए ईसाई धर्म ग्रंथों और पौराणिक कहानियों के अनुसार, ''भगवान में जब इस दुनिया का निर्माण किया तो उसमें कुल 6 दिन लगे. इसके बाद वो काफी थक गए और अगले दिन उन्होंने कोई काम नहीं किया. उस दिन भगवान ने अपने काम से छुट्टी ले ली. साथ ही ईसाई कैलेंडर के अनुसार वो दिन संडे ही था. इसलिए ईसाई पंथ को मानने वाले लोगों ने संडे को ही छुट्टी के रूप में मानना स्वीकार कर लिया.