वर्षों पुरानी बात है… जापान में एक राजा था. उसके महल के पास में ही एक जंगल था. जंगल में रहने वाली एक बुलबुल बहुत ही मीठी आवाज में गाती थी.
एक दिन राजा ने अपने मंत्री को उसे लाने का आदेश दिया. मंत्री किसी तरह उसे पकड़ने में सफल हो गया, एक पिंजरे में बंद कर राजा के सामने बुलबुल को लाया गया.
पर कैद हो जाने के कारण बुलबुल उदास हो गई, उसने खाना-पीना-गाना सब छोड़ दिया. कई दिन व्यतीत हो गए, रानी को बुलबुल पर दया आई और उसने पिंजरा खोल दिया, बुलबुल उड़ती हुई अदृश्य हो गई.
राजा बुलबुल के संगीत का दीवाना था, उसने मंत्री से दूसरी चिड़िया लाने के लिए कहा मंत्री ने राज्य के शिल्पकार से हू-ब-हू वैसी ही मिट्टी की बुलबुल बनवाई जो गाती भी थी.
राजा सोने से पहले उसका गाना सुनता था। एक दिन वह गिरकर टूट गई, राजा उदास और बीमार रहने लगा. एक दिन रानी की कृपा का प्रतिदान देने वही बुलबुल आई और खिड़की पर बैठकर गाने लगी.
राजा ठीक होने लगा, अब प्रतिदिन रात को बुलबुल आती, गाना गाती और राजा को सुलाकर चली जाया करती थी.
शिक्षा : हम जिसे पसंद करते है उसे बाँध कर या कैद करके नहीं रखना चाहिए