फणीश्वर नाथ 'रेणु' हिन्दी भाषा के साहित्यकार थे।
फणीश्वर नाथ ' रेणु ' का जन्म 4 मार्च 1921 को बिहार के अररिया जिले में फॉरबिसगंज के पास औराही हिंगना गाँव में हुआ था.
देहांत: फणीश्वर नाथ ने 11 अप्रैल, 1977 को पटना में अंतिम सांस ली.
रेणु की कहानियों और उपन्यासों में उन्होंने आंचलिक जीवन के हर धुन, हर गंध, हर लय, हर ताल, हर सुर, हर सुंदरता और हर कुरूपता को शब्दों में बांधने की सफल कोशिश की है.
साहित्यिक कृतियाँ
उपन्यास
- मैला आंचल
- परती परिकथा
- जूलूस
- दीर्घतपा
- कितने चौराहे
- पलटू बाबू रोड
- कथा-संग्रह
- एक आदिम रात्रि की महक
- ठुमरी
- अग्निखोर
- अच्छे आदमी
रिपोर्ताज
- ऋणजल-धनजल
- नेपाली क्रांतिकथा
- वनतुलसी की गंध
- श्रुत अश्रुत पूर्वे
प्रसिद्ध कहानियाँ
- मारे गये गुलफाम (तीसरी कसम)
- एक आदिम रात्रि की महक
- लाल पान की बेगम
- पंचलाइट
- तबे एकला चलो रे
- ठेस
- संवदिया
इनके पहले उपन्यास मैला आंचल को बहुत ख्याति मिली थी जिसके लिए उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.