मुग़ल बादशाह अकबर दरबार में बैठकर अपने मंत्रियों से मंत्रणा कर रहे थे कि तभी उनके दरबार में दो औरतें का आगमन हुआ. वो दोनों एक दूसरे से ज़ोर ज़ोर से लड़ रही थी. ऐसा लग रहा था कि मानों अब एक दूसरे का ख़ून कर देंगी. अचानक हुए इस शोर गुल से सभी का ध्यान बट गया और अकबर ने दोनों से पूछा, 'तुम दोनों क्यों लड़ रही हो? आख़िर समस्या क्या हैं?'
उन दोनों ने बताया कि, ' वो जो बच्चा वहां बागीचे में खेल रहा हैं वो वहीं है हमारी लड़ाई की वजह.' अकबर हैरान हो गए कि एक दो साल का बच्चा कैसे इनके झगड़े की वजह हो सकता हैं?
बादशाह को समझ नहीं आया उनहोंने दोनों से कहा कि साफ़ साफ़ कहो समस्या क्या है?
फिर उन दोनों ने एक साथ कहा, वो बच्चा मेरा हैं. अब तो समस्या और गंभीर हो गई , एक बच्चे की दो दो माँ कैसे?
अकबर को समझ में नहीं आ रहा था की दोनों के साथ न्याय कैसे हो? कौन झूठ बोल रही हैं और कौन सच? बहुत समय हो गया लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं मिला. तभी दरबार में बीरबल आ गए, उनहोंने देखा की दोनों औरतों ने पूरा दरबार सर पर उठा रखा हैं.
फिर उन्होंने जहाँपना से पूछा कि आख़िर माज़रा क्या है? अकबर ने पूरा हाल बीरबल से कह सुनाई. अकबर ने बीरबल से कहा कि अब तुम ही इस समस्या का समाधान करो. बीरबल ने कहा, ये तो बहुत आसान है. फिर उन्होंने जल्लाद को बुलाने के लिए कहा. जल्लाद के आते ही बीरबल ने बच्चे को एक जगह बैठा दिया और कहा, “एक काम करते हैं इस बच्चे के दो टुकड़े कर दो और एक-एक टुकड़ा दोनों औरतों को दे दो. अगर इन दोनों में से किसी एक को यह बात मंजूर नहीं है, तो जल्लाद उस महिला के भी दो टुकड़े कर देना." उनमें से एक औरत ने इस शर्त को मान गई और बोली, मुझे शर्त मंजूर हैं आप बच्चे का एक टुकड़ा मुझे दे देना मैं चली जाउंगी. लेकिन दूसरी औरत फुट फुट कर रोने लगी. फिर बीरबल ने सिपाहियों को आदेश दिया और पहली औरत को बंदी बना लिया. बीरबल ने बच्चा दूसरी औरत को देकर उसे घर भेज दिया. बादशाह अकबर हैरान हो गए. फिर उन्होंने बीरबल से पूछा की तुमने ये कैसे जाना की कौन असली माँ हैं?
तब बीरबल ने मुस्कुराते हुए कहा, “महाराज मां सारी मुसीबतों को अपने सिर पर ले लेती है, लेकिन बच्चे पर आंच भी नहीं आने देती और यही हुआ, इससे पता चल गया कि असली मां वह है जो खुद के टुकड़े करवाने के लिए तैयार है, लेकिन बच्चे के नहीं.”