बहुत पुरानी बात हैं एक गाँव एक व्यापारी रहता था, वो बहुत मेहनती था. हर रोज वो सुबह अपने गधे के साथ बाज़ार जाता और वहां से माल खरीद कर दूर शहर में बेचने जाता था. इस तरह से वो अपना जीवन व्यतीत करता था. उसका गधा एक नंबर का अलसी था, वो बहुत ज्यादा ही काम चोर था. फिर भी व्यापारी उसे बहुत मानता था.
एक दिन की बात हैं एक दिन व्यापारी को पता चला की बाज़ार में नमक बहुत सस्ते और अच्छे दामों पर मिल रहा हैं, तो उसने अपने गधे को लेकर बाज़ार पहुँच गया और वहां पर दस बोरी नमक ख़रीद कर गधे पर लाद कर वापस शहर की तरफ चल दिया. गधा एक नंबर का आलसी था उसने देखा की आज उसके मालिक ने बहुत सारा बोझ उस पर डाल दिया हैं फिर तो मानों उसके प्राण ही निकल गए. लेकिन करता भी क्या? किसी तरह वह उसे लेकर शहर की ओर चल रहा था, कि रास्ते में एक नदी पड़ा. वो उसकी पुल पर संतुलन बना कर चलने की अचानक उसका पैर फिसला और वो सीधे नदी में जा गिरा और पूरा नमक पानी में घुलकर बह गया. उस दिन व्यापारी को बहुत नुकसान हुआ और वो खाली हाथ घर लौट आया. उस दिन व्यापारी को जितना नुकसान हुआ था उससे कहीं ज़्यादा ख़ुशी गधे को थी. अगले दिन फिर से व्यापारी ने बाज़ार जाकर नमक की दस बोरी ख़रीदी और उसे गधे पर लाद कर शहर के लिए रवाना हुआ. नदी पर पहुँचते ही इस बार गधे ने जान बूझकर नदी में गिर गया और व्यापारी फिर खाली हाथ वापस लौट आया. अब इसी तरह रोज गधा करने लगा. अब व्यापारी को खूब नुकसान लगा. वह सोचने लगा की आख़िर नदी के पास ही आकर मेरा गधा क्यों हर बार गिर जाता हैं? कुछ तो बात जरूर है? फिर उसने एक रात गधे के पास जाकर छिप गया. थोड़ी देर बाद जब गधे ने सोचा की लगता हैं मालिक सो गए हैं, उसने अपने आप से बातें करना शुरू कर दिया. "अब कल फिर से मालिक बाज़ार से नमक ख़रीदेंगे और मैं कल फिर नदी में गिर जाऊंगा. बहुत मज़ा आएगा. अब व्यापारी ने उस गधे की पूरी चालाकी समझ ली, अगले दिन वो उसे लेकर बाज़ार गया और उसके ऊपर नमक की जगह रुई की बीस बोरियां लादकर शहर की ओर चल दिया. गधा सोचने लगा आज का बोझ तो बहुत हल्का है क्यों न मैं नदी में गिरकर इससे और हल्का कर लूँ बहुत मज़ा आएगा. नदी के पास पहुंचकर वो हमेशा की तरह इस बार फिर नदी में जा गिर, थोड़ी देर बाद जब उठा तो उसका भार बढ़ने लगा और उसके पीठ पर लदी हुई बोरियां और भारी हो गयी. उस दिन रोता चिल्लाता बाज़ार पहुंचा और उसके बाद से उसने दोबारा ऐसी हरकत नहीं की. अब व्यापारी बिना किसी नुकसान के व्यापार करने लगा.
कहानी से सीख
आलसीपन और कामचोरी इंसान को विनाश के पथ पर ले जाते हैं. इसलिए हमें कभी भी आलस्य नहीं करना चाहिए.