हिंदी साहित्य में चित्रलेखा और भूले बिसरे चित्र जैसे दो बेहतरीन उपन्यास देने का योगदान भगवती चरण वर्मा को जाता हैं. ये हिंदी साहित्य की इन दो महान उपन्यासों पर आधारित फ़िल्में भी बनाई गयी हैं.
वर्मा जी आधुनिक हिंदी साहित्य के महान लेखकों में से एक थे.
भगवती चरण वर्मा का जन्म उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के शफीपुर गाँव में हुआ था.
प्रयागराज से बी॰ए॰, एल॰एल॰बी॰ की डिग्री प्राप्त की और प्रारम्भ में कविता लेखन किया.
‘चित्रलेखा’ उपन्यास पर दो बार फिल्म-निर्माण और ‘भूले-बिसरे चित्र’ साहित्य अकादमी से सम्मानित.
भगवती चरण वर्मा ने पद्मभूषण तथा राज्यसभा की सदस्यता भी प्राप्त किया था.
साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन 1971 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.
मृत्यु
भगवतीचरण वर्मा का निधन 5 अक्टूबर, 1981 ई. को हुआ था।
भगवती चरण वर्मा की कुछ रचनाएँ
उपन्यास
- पतन (1928),
- चित्रलेखा (1934),
- तीन वर्ष,
- टेढे़-मेढे रास्ते (1946) - इसमें मार्क्सवाद की आलोचना की गई थी।
- अपने खिलौने (1957),
- भूले-बिसरे चित्र (1959),
- वह फिर नहीं आई,
- सामर्थ्य और सीमा (1962),
- थके पाँव,(1964)
- रेखा,
- सीधी सच्ची बातें,
- युवराज चूण्डा,
- सबहिं नचावत राम गोसाईं, (1970)
- प्रश्न और मरीचिका, (1973)
- धुप्पल,
- चाणक्य
- क्या निराश हुआ जाए
कहानी-संग्रह
- मोर्चाबंदी
- कविता-संग्रह
- मधुकण (1932)
- तदन्तर दो और काव्यसंग्रह- 'प्रेम-संगीत' और 'मानव' निकले।
नाटक
- वसीहत
- रुपया तुम्हें खा गया
- सबसे बड़ा आदमी
- संस्मरण
- अतीत के गर्भ से
- साहित्यालोचन
- साहित्य के सिद्घान्त
- रुप