हिन्दी जगत के प्रमुख व्यंगकार,इन्होंने व्यंग की विधा को और उचाईयों तक पहुँचाया हैं. इनके व्यंग समाज और राजनेताओं पर कुठाराघात करते हैं. इनकी रचना जिनके हम मामा हैं इसी का बेहतरीन उदाहरण हैं.
शरद जोशी का जन्म मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में 21मई 1931 को हुआ था. शरद जोशी ने व्यंग की विधा में बहुत कई लेख लिखे. इन्होंने किताब के साथ साथ पत्र-पत्रिकाओं में भी खूब व्यंग लिखे. इन्होंने व्यंग पर आधारित टीवी सीरियल भी लिखे.
जोशी जी ने 'ये जो जिंदगी है, 'विक्रम बेताल' और लापतागंज ऐसे कई उपन्यास लिखे, जिन पर कई धारावाहिक भी बनाये गए. इनके उपन्यास लापतागंज पर इसी नाम से साल 2009 में सोनी सब टीवी पर सीरियल बनाया गया.
शरद जोशी जी ने होल्कर कॉलेज, इंदौर से स्नातक की शिक्षा प्राप्त की थी. इनका विवाह इरफ़ाना सिद्दीकी से हुआ था.
5 सितंबर साल 1991 में मुंबई में इनकी मृत्यु हो गई.
प्रमुख व्यंग्य-कृतियाँ
गद्य रचनाएँ
- परिक्रमा
- किसी बहाने
- जीप पर सवार इल्लियाँ
- रहा किनारे बैठ
- दूसरी सतह
- प्रतिदिन(3 खण्ड)
- यथासंभव
- यथासमय
- यत्र-तत्र-सर्वत्र,
- नावक के तीर,
- मुद्रिका रहस्य,
- हम भ्रष्टन के भ्रष्ट हमारे,
- झरता नीम शाश्वत थीम,
- जादू की सरकार,
- पिछले दिनों,
- राग भोपाली,
- नदी में खड़ा कवि,
- घाव करे गंभीर,
- मेरी श्रेष्ठ व्यंग रचनाएँ,
व्यंग्य नाटक
- अंधों का हाथी,
- एक था गधा उर्फ अलादाद खाँ
उपन्यास
- मैं, मैं और केवल मैं उर्फ़ कमलमुख बी0ए0
टीवी धारावाहिक
- यह जो है जिंदगी,
- मालगुड़ी डेज,
- विक्रम और बेताल,
- सिंहासन बत्तीसी,
- वाह जनाब,
- दाने अनार के,
- यह दुनिया गज़ब की,
- लापतागंज,
फिल्मी सम्वाद
- क्षितिज,
- गोधूलि,
- उत्सव,
- उड़ान,
- चोरनी,
- साँच को आँच नहीं,
- दिल है कि मानता नहीं
पुरस्कार
इनको बहुत सारे पुरस्कारों से नवाज़ा गया, जिसमें से कुछ निम्न हैं.
- चकल्लस पुरस्कार
- काका हाथरसी पुरस्कार
- साल 1990 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री की उपाधि से सम्मानित किया गया और श्री महाभारत हिन्दी सहित्य समिति इन्दौर द्वारा ‘सारस्वत मार्तण्ड’ की उपाधि परिवार पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था.