उल्लू और कौवें की ख़ानदानी दुश्मनी की कहानी

शायद ही किसी को ये बात पता हो कि उल्लू और कौआ दोनों एक दूसरे के जानी दुश्मन होते हैं. ये दोनों हमेशा मौका पाते ही एक दूसरे को जान से मार देते हैं. इनकी इस दुश्मनी के पीछे एक बहुत ही दिलचस्प कहानी हैं कि आख़िर ये दोनों एक दूसरे के इतने घातक दुश्मन कैसे हो गए? 



हज़ारों सालों पहले की बात है एक जंगल था जहाँ पर बहुत सारे जीव जंतु रहते थे. वहां पर पशु पक्षियों का अलग अलग समूह था उनके अपने अपने राजा थे. सभी पशुओं ने मिलकर शेर को अपना राजा घोषित किया क्योंकि वो बहुत ही ताकतवर और बुद्धिमान था. उसके अंदर न्याय करने की प्रबल चेतना थी. सभी जानवर उसकी बात मानते थे. 

कई दिनों बाद पक्षियों ने भी अपने लिए राजा चुन लिया और उन्होंने गरुड़ को अपना राजा बनाया. अब गरुड़ के सर पर सभी पक्षियों की रक्षा का भार आ गया उसने अपना कर्तव्य बहुत ही ज़िम्मेदारी के साथ निभाया. कई साल बीत गए. धीरे धीरे गरुड़ भगवान् विष्णु की उपासना में लींन रहने लगा और उसने राजा का सारा दायित्व छोड़ दिया. पक्षियों को बहुत समस्या होने लगी. उनका ध्यान को नहीं दे रहा था, कई सारे पक्षी आपस में ही लड़ने लगे. एक दिन सभी पक्षियों ने सभा बुलाई और एक नए राजा को चुनने के लिए सबने हामी भरी. अब प्रश्न ये था की नया राजा कौन होगा? किसे बनाया जाये नया राजा? बहुत सोचने के बाद सभी ने उल्लू को राजा बनाने की बात की. अब पक्षियों ने उल्लू को राजा बनाने के लिए एक साथ राज़ी हो गए. 

एक हफ़्ते बाद उल्लू का राजतिलक किया जाना था, सभी पक्षी तयारी में जुट गए. दूर दराज़ के जंगलों से भी पशु पक्षियों को निमंत्रण देकर बुलाया गया. उसी दिन एक कौआ भी राजतिलक में सम्मलित हुआ. कुछ देर बाद कौवें ने पूछा कि हमारे होने वाले महाराज कौन हैं? किसे नया महाराज बनाया जा रहा हैं? तभी मिट्टू तोते ने उसे बताया कि हमारे नए महाराज उल्लू जी बनने वाले है. उल्लू की बात सुनकर कौवें ने बहुत सोचा की आख़िर एक ऐसा पक्षी जो दिन भर सोता रहता है सिर्फ रात में अपने शिकार के लिए जागता हैं वो हमारा राजा कैसे हो सकता हैं? थोड़ी देर में ये बात सभी पक्षियों के बीच जंगल की आग के तरह फैल गई सभी को ये बात सही लगी और अंत में सबने फैसला किया की वो गरुड़ को ही अपना राजा मानेगी और उल्लू का राजाभिषेक नहीं होगा. जब उल्लू वहां आया तो उसे पता चला की कौए की वजह से ये सब हुआ हैं तो उसने उसी दिन कौए के बच्चों को मार डाला और फिर कौएं ने भी बदला लेना शुरू किया और इस तरह से इन दोनों के बीच दुश्मनी शुरू हुई.