काशीपुर गांव में एक किसान रहता था , उसका नाम हरिया था. उसके पास बहुत सारी जमीन थी. बीवी बच्चों से भरापूरा परिवार था लेकिन वो किसान बहुत ही ज़्यादा आलसी था. पूरे गाँव में सभी लोग बहुत ही मेहनत से काम करते थे लेकिन एक हरिया ही ऐसा था जो काम नहीं करना चाहता था.
सारे गाँव वाले लोग उसे समझा समझा के थक गए थे कि तुम कुछ काम किया करो. लेकिन वो किसी की एक बात नहीं सुनता था यहाँ तक उसकी बीवी भी बहुत परेशान हो गयी थीं. अब तो उसने समझाना भी बंद कर दिया था. कई साल बीत गए एक दिन उस गाँव में एक महात्मा आये. वो बहुत ही ज्ञानी थे उन्होंने उस किसान के घर पर ही रहने का इरादा किया. किसान और उसकी पत्नी ने साधू की बहुत खातिर की वो उनके आवभगत से बहुत खुश हुए. अगले दिन वो जाने लगे तो उन्होंने किसान से कहा, बेटा मैं तुम्हारे सत्कार से बहुत खुश हुआ तुम मुझे कुछ भी मांग लो. किसान ने बहुत सोचा और उसके बाद उसने कहा, महाराज मुझे एक ऐसा वरदान दीजिये की मैं कोई काम ना करूँ और मेरे सारे काम हो जाये. साधू ने उसकी बात मान ली और उसे एक जादुई जिन्न दिया और कहा, बेटा ध्यान रहे तुम्हारे पास इतना काम हो की तुम तुम उसे एक काम ख़त्म होने के तुरंत बाद दूसरा काम दे सको. वरना इसका परिणाम बहुत बुरा होगा, तुम्हारी जान भी जा सकती हैं. किसान ने कहा ठीक हैं और वरदान लेकर अपने घर चला आया. साधू के जाने के बाद एक बहुत ही खतरनाक जिन्न वहां पर आ गया और ज़ोर ज़ोर से कहने लगा मुझे काम दो नहीं तो मैं तुम्हें खा जाऊंगा. किसान ने उससे कहा, जाओ जाकर मेरा खेत जोत आओ. जिन्न तुरंत चला गया. किसान को लगा की अब ये शाम को आएगा लेकिन एक घंटे के अंदर वो दुबारा घर में आ गया और फिर बोला, मुझे काम दो नहीं तो तुम्हें खा जाऊंगा. किसान हैरान हो गया. उसने दूसरा काम दिया लेकिन जिन्न जल्दी से फिर आ गया. अब किसान डर गया की वो अब कौन सा काम दे? ये बात उसने अपने पत्नी को बताई. फिर उसकी पत्नी ने कहा, मैं आपको इस मुसीबत से बचा सकती हूँ लेकिन... लेकिन क्या किसान ने उस्तुकता से पूछा? लेकिन आपको मुझसे वादा करना होगा की आज के बाद से आप अपना काम खुद करोगे और कभी आलस्य नहीं करोगे. किसान मान गया. कुछ देर बाद जिन्न आ गया तब उसकी पत्नी ने कहा, जिन्न तुम जाकर मेरे कुत्ते मोती का पूंछ सीधी करके आ जाओ और ध्यान रहने बिना काम पूरा किये लौटना मत नहीं तो दंड मिलेगा. जिन्न तैयार हो गया और फौरन कुत्ते की पूछ सीधी करने के लिए चला गया.
बहुत कोशिश करने के बाद भी पूछ सीधी नहीं हुई, जैसे ही वो पूंछ छोड़ता वैसे फिर वो पहले जैसी हो जाती. रात हो गई और किसान सो गया. अगली सुबह वो उठकर खेत में काम करने के लिए जाने लगा तो उसने देखा की जिन्न अभी तक वहीँ पूंछ पकडे खड़ा था. उसने उसने उसका मज़ा लेते हुए कहा, अभी तक काम पूरा नहीं हुआ? और खेत चला गया.
अब से किसान अपना पूरा काम खुद से ही करने लगा और जिन्न ? हाहाहा वो कुत्ते की पूंछ पकड़े इधर उधर दौड़ता रहा.
कहानी से सीख:
हमें कभी भी अपने काम से भागना नहीं चाहिए. आलस्य मुसीबत को बुलाती हैं और आलसी इंसान का पतन हो जाता हैं.