ये दास्ताँ हैं पृथ्वी राजकपूर के सबसे छोटे बेटे शशि कपूर की जिन्हें बॉलीवुड में सबसे हैंडसम कपूर के नाम से भी जाना जाता हैं. शशि कपूर साहब अपने पिता और दोनों बड़े भाइयों राजकपूर और शम्मी कपूर की तरह ही एक बेहतरीन और कामयाब एक्टर थे. ये एक एक्टर के साथ साथ बेहतरीन डायरेक्टर और प्रोडूसर भी थे. इन्होंने अजूबा, जूनून और विजेता जैसी फ़िल्में प्रोडूस की. पृथ्वी राज कपूर के तीनों बेटों में से ये एक इकलौते ऐसे एक्टर रहे जिन्होंने इंग्लिश लैंग्वेज की फ़िल्मों में भी काम किया.
जन्म,परिवार और एजुकेशन
शशि कपूर का असली नाम बलबीर राज कपूर था. इनका जन्म 18 मार्च 1938 को कोलकाता में हुआ था. ये महान एक्टर, डायरेक्टर पृथ्वीराज कपूर के छोटे बेटे और फ़िल्म एक्टर राज और शम्मी कपूर के छोटे भाई थे. इनकी पढ़ाई-लिखाई कोलकाता और मुंबई से हुई. क्योंकि इनके पिता उस समय कोलकाता से मुंबई शिफ्ट हुआ करते थे.
चाइल्ड आर्टिस्ट से सुपरस्टार शशि कपूर का सफ़र
शशि साहब ने अपने बड़े भाई की फ़िल्मों से बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट शुरुआत की थी. इनके बाद इन्होंने अपने पिता के साथ थिएटर्स भी किया. अपने बड़े भाई की फ़िल्म आवारा,और आग में राजकपूर के बचपन का रोल किया था. इसके बाद राजकपूर साहब की फ़िल्म संग्राम में इन्होंने ग्रेट एक्टर अशोक कुमार के बचपन का रोल किया था. शशि कपूर ने अपने बड़े भाई के साथ बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर उनकी फ़िल्मों में काम किया. ये फ़िल्में रही दुलह दुल्हन और श्रीमान सत्यवादी. बतौर लीड इन्होंने साल 1961 में आई फ़िल्म धर्मपुत्र में काम किया. इसके बाद शशि साहब ने अपने पूरे करियर में 116 फ़िल्में की. जिनमें से 61 में वो बतौर सोलो लीड एक्टर रहे, 55 फ़िल्में मल्टी स्टारर थी, 21 सपोर्टिंग रोल और 7 फ़िल्मों में स्पेशल आपॅरेन्स थी. सन् 1960 से 80 तक वो बहुत पॉपुलर और डिमांडिंग एक्टर रहे. शशि कपूर और अमिताभ बच्चन की जोड़ी हिट रही और दोनों ने एक साथ 12 सुपर हिट फ़िल्में की, जैसे सुहाग, दीवार, शान, और कभी कभी.
शशि साहब ने राखी, ज़ीनत अमान, शर्मीला टैगोर, हेमा मालिनी, परवीन बॉबी और मौसमी चटर्जी के साथ काम किया. लेकिन एक समय ये भी आया की जब कोई भी एक्ट्रेसस इनके साथ काम करने को राज़ी नहीं थी क्योंकि शशि साहब की एक्टिंग तो लोगों को पसंद थी पर इनकी फ़िल्में चल नहीं रही थी. इसी समय इनके साथ मशहूर अदाकारा नंदा ने काम किया और दोनों की फ़िल्म आई जब जब फूल खिलें. इसके बाद से शशि कपूर ने वापस मुड़कर नहीं देखा और नंदा के साथ 8 फ़िल्में की.
पर्सनल लाइफ और डेथ
शशि साहब ने अपनी दोस्त और इंग्लिश एक्ट्रेस जेनिफर केंडल से शादी की. इन दोनों की मुलाक़ात 1956 में कोलकाता में हुई थी और अपनी भाभी गीता बाली के सपोर्ट से दोनों ने 1958 को शादी कर ली थी. आगे चल कर इन दोनों ने 5 नवम्बर 1978 को मुंबई में पृथ्वी थिएटर को एस्टैब्लिस्ड किया. इनके तीन बच्चें हैं. बेटे कुणाल और कारन कपूर और एक बेटी संजना कपूर. 1984 को जेनिफर की कैंसर से मौत हो गई और ये गहरे डिप्रेशन के शिकार हो गए.
4 दिसंबर 2017 को शशि कपूर का देहांत हो गया. चेस्ट इन्फेक्शन की वजह से इन्हें मुंबई के कोकिलाबेन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था.
इनके बच्चें को यूरोपियन लुक्स की वजह से हिंदी फ़िल्मों में मौका नहीं मिला और इनका बड़ा बेटा कुणाल डायरेक्टर बन गया, जबकि छोटा बेटा कारन लंदन में शिफ्ट हो गया और वो जाना माना इंटरनेशनल फोटोग्राफर हैं. इनकी बेटी संजना एक थिएटर आर्टिस्ट हैं.
इनकी फ़िल्में
शशि साहब बहुत ही बेहतरीन एक्टर थे, जिसके लिए इन्हें पद्म भूषण,फ़िल्म फेयर, नेशनल अवॉर्ड और लाइफ टाइम अचीवमेंट से भी नवाज़ा गया. इनकी कुछ चुंनिंदा फ़िल्में निम्न हैं.
- Bezubaan
- Vijeta
- Ghungroo
- Bandhan Kuchchey Dhaagon Ka
- Pakhandi
- Ghar Ek Mandir
- Zameen Aasmaan
- Utsav
- Yaadon Ki Zanjeer
- Chakma
- Bandh Honth
- Pighalta Aasman
- Aandhi-Toofan
- Bepanaah
- Alag Alag
- Bhavani Junction
- Ilzaam
- Swati
- Maa Beti
- Kissa Kathmandu Ka
- New Delhi Times
- Ek Main Aur Ek Tu
- Aurat
- Ghar Ka Sukh
- Anjaam
- Ijaazat
- Sindoor
- Sammy and Rosie Get Laid
- Pyar Ki Jeet
- Naam O Nishan
- Woh Mili Thi
- Commando
- Hum To Chale Pardes
- The Deceivers
- Bandook Dahej Ke Seenay Par
- Meri Zabaan
- Farz Ki Jung
- Gair Kaanooni
- Clerk
- Touhean
- Oonch Neech Beech
- Jaaydaad
- Apna Ghar
- Akhri Muqabla
- Akayla
- Saboot Mangta Hain Kanoon
- Swami Vivekananda
- Faisla Main Karungi
- Gulliver's Travels
- Jinnah
- Side Streets
- Ghar Bazar
- Dirty British Boys