मोना डार्लिंग ! ये डायलाग हिंदी सिनेमा के लेजेंड्री सुपरस्टार और बेहतरीन विलेन अजित ख़ान साहब के हैं. जिन्हें कभी भी भुलाया नहीं जा सकता. जिन्होंने लीड से लेकर सपोर्टिंग एक्टर, सेकेंड लीड एक्टर और सबसे ज़बरदस्त विलेन हर एक क़िरदार बख़ूबी निभाया. बॉलीवुड इंडस्ट्री में इन्होंने तक़रीबन 40 सालों तक राज किया और 200 से अधिक फ़िल्मों में बतौर एक्टर काम करते रहे.
जन्म,परिवार और एजुकेशन
अजित साहब का असली नाम हामिद अली ख़ान था जिन्हें बॉलीवुड इंडस्ट्री में अजित के नाम से जाना जाता हैं. इनका जन्म 27 January 1922 हैदराबाद रियासत के गोलकोंडा शहर में हुआ था. इनके पिता बशीर अली ख़ान निज़ाम की सेना में काम करते थे और इनकी माँ सुल्तान जहाना बेग़म एक हाउस वाइफ थीं. इनका पढ़ाई में दिल नहीं लगता था और एक दिन अपने परिवार को बिना बताये अपनी किताबें बेचकर उसी पैसों से मुंबई चले आये.
फ़िल्मी सफ़र और सुपरस्टार अजित बनने की कहानी
मुंबई में जब ये आये तो कई सारे फ़िल्मों में एक्स्ट्रा आदमी के तौर पर काम करना शुरू किया. इसके कई सालों बाद कुछ फ़िल्मों में लीड रोल में काम करने का मौका मिला लेकिन ये फ़िल्में कुछ ख़ास कमाल नहीं दिखा रही थी और उसके बाद इनके कुछ दोस्तों ने इन्हें बताया कि तुम अपना नाम चेंज करके अजित कर लो. लेकिन इसका भी कुछ ख़ास असर नहीं हुआ. साल 1950 में फ़िल्मी निर्देशक के अमरनाथ ने इन्हें बेक़सूर में मधुबाला के साथ कास्ट किया और ये फ़िल्म ब्लॉकबस्टर हिट रही. उससे पहले डायरेक्टर के ही कहने ओर ही इन्होंने अपना हामिद अली ख़ान से अजित कर लिया. इसके बाद अजित ने नास्तिक,बड़ा भाई जैसी फ़िल्मों में भी बतौर मुख्य एक्टर काम किया. लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से इन्होंने जल्दी ही सेकेंड लीड वाली फ़िल्में करना शुरू कर दी और इन्होंने Naya Daur, Mughal-e-Azam.जैसी बड़ी फ़िल्मों में सपोर्टिंग लीड एक्टर के तौर पर काम किया.
इसके बाद इन्होंने बतौर विलेन पहली फ़िल्मी की जिसका नाम था, सूरज और इसके बाद ये ज़ंज़ीर, यादों की बारात जैसी बड़ी फ़िल्मों में एक दमदार विलेन के रूप मि दिखाई दिए. बॉलीवुड इंडस्ट्री में सभी को मालूम हो गया कि एक बहुत ही दमदार और खतरनाक विलेन आ गया है जिसकी डायलाग डिलेवरी और एक्शन स्टाइल हीरो की छवि को टक्कर देने वाला था.
इनके फेमस डायलाग "Mona darling" इन Yaadon Ki Baraat, "Lily don't be silly" इन ज़ंज़ीर बहुत फेमस हुए.
अजित बॉलीवुड इंडस्ट्री के एक ऐसे विलेन थे जिनकी एक्टिंग स्टाइल के साथ साथ उनके क्लोथ्स भी बहुत अट्रैक्टिव होते थे. फुल ओवरकोट, थ्रीपीस कोट और लेदर शूज.
22 October सन् 1998 में अजित हम सभी को छोड़कर इस दुनिया से चले गए. मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक उनकी मौत अचानक हार्ट अटैक आने की वहज से हुई थी.
अजित साहब की फ़िल्में
अजित साहब ने अपने अनोखे एक्टिंग स्किल्स के बल पर 200 से ज़्यादा हिंदी फ़िल्मों में काम किया. उनकी चुनिंदा फ़िल्में इस प्रकार हैं...
- Khuda Kasam
- Choron Ki Baaraat
- Ram Balram
- Heera-Moti
- Mr. Natwarlal
- Aahuti
- Azaad
- Des Pardes
- Heeralaal Pannalaal
- Karmayogi
- Ram Kasam
- Aakhri Goli
- Chalta Purza
- Ankh Ka Tara
- Hum Kisise Kum Naheen
- Jaaneman
- Charas
- Kalicharan
- Sangram
- Do Jhoot
- Pratiggya
- Warrant
- Badla
- Khote Sikkay
- Paap Aur Punya
- Patthar Aur Payal
- Bandhe Hath
- Chhupa Rustam
- Dharma
- Jugnu
- Kahani Kismat Ki
- Shareef Budmaash
- Yaadon Ki Baaraat
- Zanjeer
- Dil Ka Raaja
- Sultana
- Andaz
- Lal Patthar
- Paraya Dhan
- Patanga
- Heer Raanjha
- Dharti
- Jeevan Mrityu
- Aadmi Aur Insaan