हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना की कहानी
- Anurag Shukla |
- 15 Feb 2021
ये कहानी हैं हिंदी सिनेमा के सबसे पहले सुपरस्टार की. ये एक ऐसे सुपरस्टार थे जिनकी कार के धूल से कई सारी लड़कियां अपनी मांग भरती थीं. जिन्हें पूरा बॉलीवुड काका के नाम से जानता हैं. ये कोई और नहीं बॉलीवुड के हैंडसम और सबसे पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना थे.
हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री में लगातार साल 1969 से 1971 तक राजेश खन्ना ने तकरीबन 15 सुपरहिट फ़िल्में की जिनमें ये सोलो लीड एक्टर थे. बॉलीवुड में अभी तक उनका ये रिकॉर्ड कोई अन्य स्टार तोड़ नहीं पाया हैं. राजेश खन्ना हिंदी सिनेमा के एक बहुत ही प्रतिभाशाली एक्टर और प्रोडूसर थे. इसके साथ साथ वो एक राजनेता भी रहे. साल 1970 से 1987 तक ये इंडियन सिनेमा के हाईएस्ट पेड एक्टर थे.
जन्म, परिवार और एजुकेशन
राजेश खन्ना साहब का जन्म 29 दिसंबर 1942 को अमृतसर पंजाब में हुआ था. इनका असली नाम जतिन खन्ना था जिसे पूरी दुनिया हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना उर्फ़ काका के नाम से जानती हैं. इनके पिता लाला हीरानंद खन्ना पाकिस्तान में एक हेडमास्टर थे और इनका माँ का नाम चंद्रानी खन्ना था. राजेश खन्ना को इनके पिता के एक रिश्तेदार ने गोद ले लिया था और इस तरह से इनका पालन पोषण चुन्नीलाल खन्ना और लीलावती खन्ना ने किया. ये दोनों रेलवे कॉन्ट्रैक्टर थे.
साल 1935 में ही ये दोनों लाहौर से मुंबई आ गए थे और इस वजह से राजेश खन्ना का बचपन भी मुंबई में बीता.
काका की पढ़ाई-लिखाई हुई St. Sebastian's Goan High School में जहां पर इनकी मुलाक़ात रवि कपूर से हुई जिसे बाद में लोगों ने हिंदी सिनेमा में जीतेन्द्र के नाम से जाना. अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों में ही काका ने ड्रामा और थिएटर्स करना शुरू कर दिया था और इंटर-कॉलेज ड्रामा कॉम्पिटिशन में इन्होंने कई सारे इनाम जीते.
काका ने अपना ग्रेजुएशन के दो साल Nowrosjee Wadia College पुणे और बाकि का एक साल K. C. College मुंबई से किया. एक बार इन्होंने अपने कॉलेज में अंधा युग पर आधारित नाटक में एक घायल सैनिक का किरदार निभाया था और उसे देखकर उस प्रोग्राम के चीफ गेस्ट ने कहा था कि ये लड़का जल्दी ही फ़िल्मों में नज़र आएगा. इनके अंकल के के तलवार ने ही इनका नाम जतिन खन्ना से बदलकर राजेश खन्ना कर दिया था.
फ़िल्मी करियर और पहले सुपरस्टार का टैग
राजेश खन्ना यूनाइटेड फिल्म प्रोडूसर के द्वारा कराये गए टैलेंट हंट कम्प्टीशन में 10000 लोगों में से 8 फ़िनलिस्टों में से एक थे. इनके सात मशहूर फ़िल्म निर्देशक सुभाष घई और बेहतरीन एक्ट्रेस फ़रीदा जलाल का भी चयन हुआ था. इस के बाद काका ने उस समय के बेहतरीन फ़िल्म निर्देशकों और प्रोडूसर्स के सामने परफॉर्म करने का मौका मिला, जैसे बी आर चोपड़ा, जी पी सिप्पी, बिमल रॉय,नासिर हुसैन और जे ओम प्रकाश.
साल 1966 में काका ने अपना पहला फ़िल्म डेब्यू चेतन आनंद की फ़िल्म आख़िरी ख़त में बतौर एक्टर किया था. ये उस समय की पहली फ़िल्म थी जिसे ऑस्कर के लिए नॉमिनेट किया गया था. इस साल इनकी एक और फ़िल्म राज़ भी रिलीज़ हुई थी.
इसके बाद यूनाइटेड फ़िल्म प्रोडूसर के साथ कॉन्ट्रैक्ट में होने की वजह से काका को औरत, डोली, इत्तेफ़ाक़, बहारों के सपनेऔर आराधना में बतौर एक्टर कास्ट किया गया. फ़िल्म आराधना में इन्होंने डबल रोल किया एक तरफ बाप और दूसरे तरफ बेटे का. इस फ़िल्म में इनके साथ शर्मीला टैगोर और फ़रीदा जलाल मुख्य भूमिकाओं में नज़र आई. इ फ़िल्म उस साल खूब चर्चे में रही इसके गीत जिसे महान सिंगर किशोर दा ने गए थे वो आज भी गन गुनाये जाते हैं. इस फ़िल्म का गीत मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू आज भी एवरग्रीन गीतों में से एक हैं. इसी फ़िल्म से काका को मिला पहले सुपरस्टार का ख़िताब और बन गए बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना. काका की ऑन स्क्रीन केमिस्ट्री उस समय की हर बड़ी हेरोइन के साथ सराही गई फिर वो शर्मीला टैगोर, आशा पारेख,और मुमताज़ हो.
किशोर कुमार ही राजेश खन्ना साहब के प्लेबैक सिंगर रहे. इनकी जोड़ी ने सिल्वरस्क्रीन पर एक से बढ़ कर एक बेहतरीन गीत दिए जिसे राजेश खन्ना पर ही फ़िल्माया गया. किशोर के 1987 में आकस्मिक निधन से ये जोड़ी टूट गई.
राजेश खन्ना साहब एक ऐसे सुपरस्टार बने जिनकी गाड़ियों को लोग किश करते थे, कई सारी लड़कियां इनके कार की धूल से अपनी मांग भर लेती थी. कई सारी लड़कियों ने काका के फोटोग्राफ से ही शादी की. ये इतने महान एक्टर थे कि लोग कहते थे कि ऊपर आका और नीचे काका इन दोनों का मुकालबा नहीं कर सकते. साल 1991 में काका पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी के कहने पर कांग्रेस की तरफ से लोक सभा सदस्य के रूप में नई दिल्ली से चुन कर आये.
पर्सनल लाइफ और डेथ
राजेश खन्ना का रिलेशनशिप उस समय की फैशन डिज़ाइनर अंजू महेन्द्रू के साथ रहा. इनका रिश्ता सात साल तक चला लेकिन फिर इनका ब्रेकअप हो गया.
मार्च 1973 में डिम्पल कपाड़िया से शादी की. इनकी दो बेटियां हैं, ट्विंकल खन्ना और रिंकी खन्ना. बड़ी बेटी ट्विंकल की शादी हुई बॉलीवुड के सुपरस्टार, खिलाड़ी कुमार अक्षय कुमार से. साल 1982 में डिंपल और काका दोनों अलग हो गए, क्योंकि डिम्पल चाहती थी की वो फ़िल्मों में काम करे जबकि काका नहीं चाहते थे की ऐसा हो. ये दोनों अलग तो हो गए थे लेकिन दोनों ने तलाक़ नहीं लिया था. इसके बाद काका की ज़िंदगी में टीना मुनीम आई जो अब अनिल अम्बानी की पत्नी हैं. टीना और काका की लव स्टोरी शुरू हुई और दोनों ने एक साथ 10 फ़िल्मों में काम किया लेकिन काका ने टीना से शादी नहीं की. राजेश खन्ना का मानना था की इससे उनकी बेटियों पर गलत प्रभाव पड़ेगा.
8 जुलाई साल 2012 को राजेश खन्ना का देहांत इनके बंगले आशीर्वाद में हो गया था. हिंदी सिनेमा का पहला सुपरस्टार इस दुनिया से रुख़्सत हो गया. इनको कैंसर हो गया था और काका एकदम अकेले हो गए थे, लोगों का मानना हैं कि अकेलेपन ने ही राजेश खन्ना को इस दुनिया से छीन लिया.
राजेश खन्ना एक ऐसे एक्टर थे जिन्होंने स्टारडम भी देखा और अकेलापन भी. इन्होंने जीत भी देखी और हार भी.
काका की चुंनिंदा फ़िल्में और अवॉर्ड्स
राजेश खन्ना को तीन बार बेस्ट एक्टर के अवॉर्ड्स से नवाज़ा गया और साल 2005 में इनको लाइफ टाइम अचीवमेन्ट अवॉर्ड्स से सम्मानित किया गया.
राजेश खन्ना साहब ने 106 फ़िल्मों में बतौर सोलो लीड एक्टर काम किया. 22 फ़िल्में ऐसी की जो मल्टीस्टारर थी. काका की कुछ चुंनिदा फ़िल्मों के नाम इस प्रकार हैं.
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