मुग़ल साम्राज्य का सबसे ज्यादा मूडी और क्रूर शासक जहांगीर था और वो इस बात का उल्लेख अपनी किताब तुज़क-ए- जहाँगीरी में किया हैं. जहाँगीर ने जब अकबर के सबसे ख़ास और विश्वास पात्र मंत्री अबुल फज़ल की हत्या कर दिया था तब भी उसे किसी बात का पछतावा नहीं था.
अकबर के जीवन की सबसे बड़ी त्रासदी ये थी की 27 साल तक उसके कोई बेटा नहीं हुआ. जिसके लिए अकबर ने कई सारी मिन्नतें और यात्राएं की और आख़िरकार आगरा के पीर सलीम चिश्ती के आशीर्वाद से अकबर को तीन बेटे हुए. लेकिन जिस सलीम का जन्म पीर सलीम चिश्ती की बदौलत हुआ था उसकी मौत का कारण भी वहीं सलीम ही बना. एन इंटिमेट पोर्ट्रेट ऑफ़ अ ग्रेट मुग़ल जहाँगीर' किताब की लेखिका पार्वती शर्मा ने इसका ज़िक्र अपने किताब में किया हैं.
जहाँगीर के लिए सब्नसे ज्यादा चुनौती थी कि वो राजा कैसे बने? इसी के लिए ही उसने अबुल फज़ल की हत्या करवा दी थी. जहाँगीर एक बहुत ही मूडी राजा था वो एक दिन में 20 गिलास शराब पी जाता था, 14 दिन में और 6 रात में. केवल शराबी ही नहीं बल्कि वो बहुत ज्यादा क्रूर भी था, एक बार उसने अपने ग़ुलाम का अंगूठा सिर्फ इसलिए कटा दिया था क्योंकि उसने गलती से तालाब के पास लगे चंपा के पौधे काट दिए थे, अपनी बेग़म नूर जहाँ की दासी को इसलिए आधा ज़मीन में गाड़ दिया था क्योंकि उसने एक किन्नर को चुमा था. अपने ख़ुद के बेटे ख़ुसरों के विद्रोह करने पर उसी दोनों आँख फुड़वा दी थी. इस प्रकार के कई सारे काम इसने किया था लेकिन कभी भी उसने अपना फैसला नहीं बदला. गद्दी पर बैठने के बाद उसने अपनी उम्र से दस साल छोटी नूरजहाँ से शादी की, जो उस समय 34 साल की थी. 28 अक्टूबर 1627 को जहांगीर का इंतेक़ाल हो गया.