एक बार की बात हैं तीन चोर थे, वो हमेशा आपस में चोरी करते थे और सारा माल बराबर-बराबर बाँट लेते थे. इस तरह से उन्होंने धीरे-धीरे कई सारी जगह चोरियां की और खूब सारा धन इकठ्ठा कर लिया.
एक दिन उन तीनों फैसला किया क्यों ना आख़िरी बार चोरी करते है और इसके बाद हम सब चोरी छोड़कर जीवन भर आराम से ऐश करेंगे.
सभी इस बात पर राज़ी हो गए और उसके बाद उन्होंने एक गाँव में पता किया की वहाँ एक धनी सेठ रहता था जिसके पास बहुत धन था. उन चोरो ने वहीं पर चोरी करने का फैसला किया. आने वाली अमवस्या को उन लोगों वहां पर सेंध मारकर धन चुराने की तारीख मुकर्रर कर ली. अमवस्या आ के दिन तीनों ने चोरी की और खूब सारे धन लेकर वहां से भाग गए. एक जंगल में पहुँच कर तीनों को खूब भूख लगी और उनमें से एक चोर पास के गाँव से कुछ भोजन और पानी लेने के लिए चला गया.
इधर बाकि के दो चोरो के मन में लालच आ गया और उन दोनों ने तीसरे साथी को मार कर पूरा धन आपस में बाँट लेने की योजना बनाई. इधर तीसरे चोर के मन में भी लालच आ गया और उसने उन दोनों के खाने में विष मिला दिया. इसके बाद वो जैसे ही खाना लेकर वहाँ पहुंचा दोनों ने उसपर हमला कर दिया और उसे मार डाला. इसके बाद उन दोनों ने उसके द्वारा लाये गए खाने को खाने लगे लेकिन कुछ देर बाद विष की वजह से वो दोनों भी मर गए और पूरा धन वहीं जंगल में पड़ा रह गया.
सीखा: लालच बुरी बला है इससे हमेशा बचकर रहना चाहिए. किसी के भी हिस्से को गलत तरीके से हथियाना नहीं चाहिए.