बादशाह अकबर के दरबार में बीरबल सबसे ज्यादा बुद्धिमान और चालक आदमी थे. अक्सर अबकर उनकी तारीफ किया करते थे और इसी कारण बाकि के लोग उनसे जलते थे. एक दिन अकबर ने भरे दरबार में बीरबल की तारीफ कर दी जिससे दरबार में बैठे एक मंत्री ने उन्हें चुनौती दे दी. उसने कहा, महाराज अगर इतने ही बुद्धिमान हैं तो वो बैल का दूध लेकर दिखा दे?
सभी लोग हैरान हो गए, बादशाह खुद सोच में पड़ गए की ये कैसे सम्भव हैं? लेकिन तभी बीरबल ने खड़े होकर इस चुनौती को स्वीकार कर लिया. इसके बाद बादशाह अकबर से अगले दिन की मौहलत लेकर घर चले गए.
उसी रात जब अकबर सो रहे थे तभी उनके महल के बाहर कुछ बहुत ज़ोर से खट्ट-खट्ट की आवाज़ आने लगी. अकबर नींद से जाग गए और उन्होंने सिपाहियों को बुलाकर कहा, " इतनी रात में कौन हैं जो ये शोर कर रहा हैं? जाकर इस शोर को बंद कराओ.''
सिपाहियों ने बाहर जाकर देखा तो शोर बंद हो गया था. कुछ देर बाद फिर से शोर शुरू हुआ. बाद ने इस बार उसे पकड़ कर लाने का आदेश दिया. सैनिकों ने तुरंत एक छोटी बच्ची को लाकर अकबर के सामने खड़ा कर दिया. अकबर ने उससे पूछा, तुम इतनी रात में शोर क्यों मचा रही हो? क्या कर रही हो तुम? घर क्यों नहीं गई?
उस लड़की ने कहा,.महाराज मैं कपड़े धो रही थीं. अकबर ने हैरानी से पूछा, इतनी रात में? अरे मेरी माँ मायके गई है और मेरे पिता जी ने एक लड़के को जन्म दिया हैं इसलिए वहीं सारे कपड़ें थे जो मैं धुल रही हूँ. बादशाह अकबर अब तो एक दम परेशां हो गए और उससे ज़ोर से पूछा, तुम्हारे पिता ने बच्चें को जन्म दिया? क्या बकवास कर रही हो? बकवास नहीं महाराज सच में जब आपके राज्य में बैल दूध दे सकते हैं तो एक आदमी बच्चें को जन्म क्यों नहीं दे सकता हैं?
अकबर को अब सारी कहानी पता चल गई कि ये बीरबल की चल है. उनहोंने उस लड़की को इनाम देकर रुख़्सत किया और अगले दिन दरबार में जब पहुंचे तो उस मंत्री ने बादशाह से कहा, महाराज कल रात मैं ठीक से सो नहीं पाया, ना जाने कौन गुस्ताख़ शोर मचा रहा था. तब बादशाह ने हँसते हुए कहा, वो कल रात बैल दूध दे रहा था इसलिए. इतने में बीरबल आ गए और पूरी घटना अकबर ने उस मंत्री को बताया और अंत में उसने बीरबल से माफ़ी मांग ली.