महाशिवरात्रि एक ऐसा पर्व है जो हर साल बहुत ही धूम धाम से बहुत आनंद से मनाया जाता है. ये हिन्दू धर्म के सब बड़े देवता माने जाने भगवान शंकर के सबसे दिन रूप में मनाया जाता है. इस त्यौहार की बहुत मान्यता है, जिसके अनुसार करोड़ों श्रद्धालु इस दिन भगवान शिव की आराधन करते है. इस दिन पूजा , व्रत को सम्पूर्ण विधिविधान से करने पर आपके सारी मनोकामनाएं पूरी होती है और भगवान शिव अपने भक्तों से काफी प्रसन्न होते है. शिवमहापुराण में बताये गए कुछ बातों शिवरात्रि के दिन पूजा पाठ करते समय ध्यान रखें....
बेल पत्र का उपयोग
भगवान शिव को बेलपत्र बहुत प्रिय है. इसलिए शिवरात्रि के दिन पूजा में सभी श्रद्धालु शिव की पूजा में बेलपत्र को शामिल करते है. भगवान शिव उन भक्तों से बहुत प्रसन्न होते है जो उनके पूरा पूर्ण श्रद्धा के साथ बेलपत्र अर्पित करते है.
गन्ने के रस का अभिषेक
अगर आप चाहते है की आपकी शत्रुता ख़त्म हो और आप सुखी पूर्वक जीवन जीयें तो आप शिवरात्रि के दिन भगवान शिव का गन्ने के रस से अभिषेक करे. साथ ही साथ ॐ नमः शिवाय का जाप भी करे.
तीर्थ स्थलों के जल
अगर आप शिवलिंग पर तीर्थ स्थलों से लाये गए पवित्र जल से अभिषेक करते है तब आपको मोक्ष प्राप्ति होती है और साथ ही साथ सभी कष्ट और दोषों से मुक्ति मिलती है.
दूध से रुद्राभिषेक
शिवरात्रि के दिन पति और पत्नी दोनों भगवान शिव का दूध से रुद्राभिषेक करते है और गरीब तथा ब्राह्मणों को भोजन कराएं तो उनको संतान की प्राप्ति होगी.
शहद से अभिषेक
भगवान शिव का शिवरात्रि के दिन शहद से अभिषेक करने से न सिर्फ धन वैभव की प्राप्ति होगी अपितु आपको सभी दोषों और रोगों से छुटकारा मिलेगा.
घी और चावल का अभिषेक
भगवान शिव के ऊपर अगर आप घी से अभिषेक करते है तब आपका वंशवृद्धि होगा। साबूत कच्चे चावल चढ़ाने पर कर्ज़ से मुक्ति मिलेगा और पक्के हुए चावल चढ़ाने पर मंगल ग्रह से छुटकारा मिलेगा.