भगवान शिव ने क्यों किया प्रजापति दक्ष का वध?

भगवान शिव ने क्यों किया प्रजापति दक्ष का वध?

भगवान शंकर के सबसे प्रथम अवतार को वीरभद्र के नाम से जानते है जो बहुत ही बलशाली और अत्यंत क्रोधी थे. उन्होंने कई सारे दुष्टों का संहार किया है. लेकिन बहुत कम लोगों को इस बात की जानकारी है कि आख़िर वीरभद्र अवतार का जन्म कब और कैसे हुआ? वीरभद्र ने आखिर क्यों काटा प्रजापति दक्ष का गला? 


भगवान शिव ने सबसे पहले वीरभद्र अवतार धारण किया था. शिवपुराण में वर्णित कथा के अनुसार... 

प्रजापति दक्ष भगवान शिव की उपासना नहीं करता था और उनसे अपने राज्य में भगवान शिव की पूजा करने वाले को दण्ड देना का भी विधान बनाया था. वो महादेव आदि शिव से बहुत ईर्ष्या करता था और उन्हें अपने पिता ब्रह्मा के सर काटने का दोषी मानता था. सतयुग में उसकी बड़ी पुत्री सती ने जब भगवान शंकर से विवाह कर लिया तो भगवान शंकर प्रजापति दक्ष के जमाता बन गए लेकिन फिर भी प्रजापति दक्ष भगवान शिव को नीचा दिखने का कोई भी मौका नहीं छोड़ता था. हर पल उनका उपहास करता था. एक दिन राज्य में एक यज्ञ का अनुष्ठान किया सभी देवताओं, ऋषि मुनियों को उसने भुलाया लेकिन महादेव को उसने निमंत्रण नहीं दिया. इसके बावजूद देवी सती इस पूजा में सम्मलित हुई. लेकिन जब यज्ञ शुरू हुआ तब दक्ष ने भगवान शिव का उपहास करना शुरू किया जिसे देखकर देवी सती बहुत क्रोधित हो गई और वो उस यज्ञ के अग्नि में कूद गई और सती हो गई. इस बात से भगवान शंकर अत्यंत क्रोधित हो गए और उन्होंने अपनी एक जटा उखाड़ कर कैलाश पर पटक दी उसी से भवन वीरभद्र का जन्म हुआ और वीरभद्र ने प्रजपति दक्ष का सर काट कर उसका वध कर दिया. इस प्रकार भगवान शिव ने प्रथम बार वीरभद्र रूप में प्रकट हुए.