चैत्र नवरात्रि स्पेशल: जानिए माता के नौ दिन व्रत की पूरी जानकारी तथा कलश स्थापना का शुभमुहूर्त
- Anurag Shukla |
- 03 Apr 2021
हिन्दू धर्म का सबसे पवित्र और प्रसिद्धि त्यौहार है दुर्गा नवरात्रि. जिसे पूरे देश में बहुत ही विधि-विधान से मनाया जाता है. हिन्दू धर्म के अनुसार नवरात्रि साल में दो बार मनाया जाता हैं. एक चैत्र नवरात्रि और दूसरा कार्तिक मास की दुर्गा नवरात्रि, जोकि अक्टूबर में आता हैं. ये नव दिन बहुत ही शुभ माने जाते है. हिन्दू धर्म के अनुसार इन नव दिनों में माता दुर्गा का विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. सभी भक्तगण माता के लिए नव दिनों का व्रत इत्यादि धारण करते हैं.
ऐसी मान्यता है कि इन नव दिनों माँ दुर्गा का अपने भक्तों पर असीम कृपा होती है. हर घर में माता का आगमन होता है, साथ ही घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास हो जाता हैं.
चैत्र माह के शुरू होते ही चैत्र नवरात्रि का भी इंतजार शुरू हो जाता है. सभी लोग नवरात्रि के लिए विशेष पूजा-अर्चना की व्यवस्था करने लगते हैं.
कब से शुरू होंगे चैत्र नवरात्र ?
अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस साल 2021 में अप्रैल महीनें की 13 तारीख को चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को चैत्र नवरात्र का शुभारम्भ हो जाता हैं. 13 अप्रैल को ही ''घट'' स्थापना की जाएगी और इसका समापन 22 अप्रैल को होगा.
घटस्थापना का शुभमुहूर्त
इस साल घटस्थापना करने की के लिए दो सुबह मुहूर्तों का संयोग हैं जो इस प्रकार हैं...
- शुभमुहूर्त: सुबह 05 बजकर 28 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 14 मिनट तक का हैं.
- इसके लिए कुल 04 घंटे 15 मिनट का समय आपके पास होगा.
- दूसरा शुभमुहूर्त: सुबह 11 बजकर 56 मिनट से दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक हैं.
चैत्र नवरात्रि की तिथि की पूरी लिस्ट
इस साल नवरात्रि मनाने की पूरी लिस्ट इस प्रकार है, आप इस-इस दिन नवरात्रि का व्रत अच्छे से कर सकते हैं.
पहला दिन: 13 अप्रैल 2021
इस माँ दुर्गा के प्रथम स्वरूप यानी माँ शैलपुत्री की उपासन की जाती हैं. पर्वतराज हिमालय के घर पर जन्म लेने के कारण इनका नाम माँ शैलपुत्री पड़ा. माँ शैलपुत्री वृषभ पर सवार रहती है और इनके दाहिने हाथ में त्रिशूल रहता हैं. ये देवी सती का दूसरा जन्म भी मानी जाती हैं.
दूसरा दिन: 14 अप्रैल 2021
माँ दुर्गा का दूसरा रूप है माँ ब्रह्मचारिणी. इनकी उपासना नवरात्रि के दूसरे दिन किया जाता हैं. माँ ब्रह्मचारिणी की उपासना करते समय
या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।। मंत्र का जाप करना चाहिए.
तीसरा दिन: 15 अप्रैल 2021
माँ दुर्गा का तीसरा रूप माँ चंद्रघंटा के नाम से विख्यात हैं. माँ का ये रूप शान्तिप्रदान करने वाला और कल्याणकारी हैं.
चौथा दिन: 16 अप्रैल 2021
माँ दुर्गा के चौथे रूप माँ कूष्मांडा देवी की उपासना नवरात्रि के चौथे दिन किया जाता हैं. माँ कूष्मांडा देवी की आराधना करने से यश और सिद्धियाँ प्राप्त होती है. साथ ही रोग-दोष से मुक्ति मिलती हैं.
पांचवां दिन: 17 अप्रैल 2021
माँ दुर्गा का पांचवा स्वरूप माँ स्कंदमाता के नाम से जग विख्यात हैं. स्कंदमाता की महिमा ये है कि इनकी उपासना करने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती हैं. माँ अपने भक्तों का कल्याण करती हैं.
छठा दिन: 18 अप्रैल 2021
माँ दुर्गा का छठा स्वरूप माता कात्यायनी देवी हैं. माँ पार्वती की नौ रूपों में से देवी कात्यानी एक है.
सातवां दिन: 19 अप्रैल 2021
माँ दुर्गा का सातवाँ और जग कल्याणकारी स्वरूप माँ कालरात्रि हैं. देवी कालात्रि को व्यापक रूप से माता देवी - काली, महाकाली, भद्रकाली, भैरवी, मृित्यू, रुद्रानी, चामुंडा, चंडी और दुर्गा के कई विनाशकारी रूपों में से एक माना जाता है.
आठवां दिन: 20 अप्रैल 2021
माँ दुर्गा का सबसे मनमोहक और कल्याणकारी रूप माँ महागौरी हैं. माँ महागौरी एकदम चंद्र की तरह गौर वर्ण वाली हैं. नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी की उपासना की जाती हैं.
नौवां दिन: 21 अप्रैल 2021
माँ दुर्गा का नौवां स्वरूप माँ सिद्धिदात्री हैं. माँ सिद्धिदात्री सभी प्रकार की सद्धियाँ देने वाली हैं. ये अपने भक्तों का कल्याण करती हैं. नवरात्रि के अंतिम दिन इनकी उपासना की जाती हैं.