उगते सूर्य को जल देने से होते है कई फायदे, जानिए इसका तरीका और नियम

Amazing benefits of offering water the sun in early morning

हिंदी धर्म में सूर्य को भगवान माना गया है. इसी के साथ कई सौ सालों से सूर्य को सुबह-सुबह जल देने की भी परम्परा चली आ रही है. साथ हिन्दू धर्म के कई सारे त्योहारों में भी सूर्य की बहुत महिमा होती है. छठ महापर्व में तो सूर्य को अर्घ्य  दिए बिना व्रत सफल नहीं माना जाता है.  देवता को हर रोज सुबह जल देने से कई सारे लाभ होते है. साथ ही आपके जीवन में परमपिता परमेश्वर की असीम कृपा बनी रहती है. सूर्य को जल देने के लिए कई सारे नियम और विधि होते है. जिन्हें जानना बहुत जरुरी होता है. तो चलिए जानते है इसके बारे में...... 

कैसे दे सूर्य को अर्घ्य 

सूर्य देवता को जल देने के लिए बहुत जरुरी है कि हम तांबे बर्तन से अर्घ्य दे. 

शास्त्रों के अनुसार सूर्य उदय के एक घंटे तक ही अर्घ्य देना उचित माना जाता है. लेकिन आप अपनी सुविधा के अनुसार सुबह होने तक अर्घ्य दे सकते है. 

सूर्य को अर्घ्य देने से पहले आप जल में लाल चंदन या रोली मिला लीजिए. साथ ही आप लाल फूल का प्रयोग कीजिए. 

सूर्य को अर्घ्य देते समय आपके दोनों हाथ सिर से ऊपर होने चाहिए. ऐसा करने से सूर्य की सारी किरणें शरीर पर पड़ती है. साथ नवग्रहों की कृपा प्राप्त होती है. 

क्या है सूर्य मंत्र 

भगवान सूर्य को जल अर्पित करते समय हमें सूर्य मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए. ऐसा करने से अर्घ्य का पूर्ण फल मिलता है. सूर्य के लिए निम्न मंत्रों का प्रयोग.... 

1. ऊँ नमो भगवते श्री सूर्याय क्षी तेजसे नम:। ऊँ खेचराय नम:।

2. ऊँ महासेनाय नम:। ऊँ तमसे नम:।

3. ऊँ रजसे नम:। ऊँ सत्वाय नम:।

4. ऊँ असतो मा सद्गमय।

5. तमसो मा ज्योतिर्गमय। मृत्योर्मामृतं गमय।

6. हंसो भगवाञ्छुचिरूप: अप्रतिरूप:।

7. विश्वरूपं घृणिनं जातवेदसं हिरण्मयं ज्योतीरूपं तपन्तम्।

8. सहस्त्ररश्मि: शतधा वर्तमान: पुर: प्रजानामुदत्येष सूर्य:।

9. ऊँ नमो भगवते श्रीसूर्यायादित्याक्षितेजसे हो वाहिनि वाहिनि स्वाहेति।

सूर्य को अर्घ्य देने के फायदे

भगवान सूर्य को जल देने आत्मा पवित्र करता है. साथ ही आरोग्य सेहत मिलता. 

सूर्य को जल देने आपका शरीर स्वस्थ रहता है. साथ ही आप ऊर्जावान होते है. 

जीवन में सुख-शांति के लिए और सभी प्रकार की तकलीफों से दूर रहने के लिए आपको सूर्य भगवान को अर्घ्य देना चाहिए.