अंतरिक्ष में कई सारे रहस्य है जो आज भी अनसुलझे हैं. हमारे सौरमंडल में कुल 9 ग्रह माने जाते है लेकिन अभी सिर्फ आठ को ही गिना जाता हैं. अंतरिक्ष में कई सारे रहस्य है जिनमें से ब्लैक होल का राज सबसे ज्यादा फेमस और अनसुलझी गुत्थी है. इसी के साथ हमारे सौरमंडल में मौजूद ग्रहों के बारे में में कई सारी रोचक और हैरान कर देने वाली जानकारियां है जिन्हें हर कोई नहीं जानता हैं.
हमारी ग्लैक्सी को मिल्क वेव या आकाशगंगा कहते हैं. इसी तरह अंतरिक्ष में कई सारी ग्लैक्सी हैं. असंख्य तारे है और उनका आकर तो चाँद-सूरज और पृथ्वी से कई हजारों करोड़ों गुना बड़ा हैं. ऐसे ही एक ग्रह हमारे सौरमंडल में भी मौजूद हैं जिसे जुपिटर यानी बृहस्पति के नाम से भी जाते हैं. ये काफी बड़ा है और इसके अंदर कई सारी पृथ्वी समा सकती हैं. साथ ही आपको जानकर हैरानी होगी कि इसके ऊपर कोई ठोस सतह नहीं हैं. हम यहाँ पर जमीन नहीं पा सकते. ये एक गैसों से भरा हुआ प्लेनेट हैं. पृथ्वी, मून और मार्स की तरह यहाँ पर आप लैंड करके जमीन नहीं पा सकते हैं. इसी तरह के कई सारी रोचक जानकारियां आज इस आर्टिकल में हम आपको देंगे. तो चलिए जानते है इसके बारे में....
- जुपिटर सौर-मंडल का चौथा सबसे चमकीला ऑब्जेक्ट है , सूर्य, चन्द्र और वीनस के बाद जुपिटर हमें सबसे चमकीला दिखता है. इस ग्रह को हम अपनी नंगी आँखों से भी देख सकते हैं.
- ब्रहस्पति ग्रह (planet Jupiter) का नामकरण रोमन देवताओं के शासन के नाम पर किया गया है. इसकी खोज गैलेलियो ने अपने खगोलीय दूरबीन से अंतरिक्ष में देखते हुए किया था.
- बृहस्पति का एक दिन बाकी सभी ग्रहों से छोटा होता है. यह केवल 9 घंटे 55 मिनट में अपनी धुरी के समक्ष एक चक्कर पुरा कर लेता है.
- बृहस्पति वास्तव में इतना भारी ग्रह है कि यह इस शक्ति के बदौलत सूर्य को भी प्रभावित कर देता है. अकेले बृहस्पति का द्रव्यमान बाकी सभी ग्रहों के कुल द्रव्यमान से ढाई गुना ज्यादा है जो पृथ्वी से 317.83 गुना ज्यादा है.
- सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि बृहस्पति ग्रह 90% हाईड्रोजन, 10 % प्रतीशत हीलीयम और कुछ कु मात्रा में मीथेन, पानी, अमोनिया और चट्टानी कणों से बना हुआ है. इसकी सतह ठोस नहीं है बल्कि गैसों से बनी है.
- जुपिटर एक बहुत ही धीमा ग्रह है. इसलिए बृहस्पति को सूर्य का एक चक्कर लगाने में करीब पृथ्वी के समय अनुसार 11.8 वर्ष लगते हैं. जब हम इसे धरती से देखते हैं तो यह हमें बहुत ही धीमा ग्रह सा लगता है जिसे कई महीनों और नक्षत्रों के बदलने पर भी एक ही जगह हम देखते हैं.
- जुपिटर को पृथ्वी का बॉडीगॉर्ड कहा जाता हैं क्योंकि बृहस्पति पृथ्वी के लिए एक रक्षक की तरह है. यह धरती की तरफ आने वाले कई पिंड़ो को अपने गुरुत्वाकर्षण बल से अपनी ओर खींच कर हमारी रक्षा करता है. इस तरह से जुपिटर पृथ्वी को अंतरिक्ष की गतिविधियों से बचता हैं.