कार लेते समय लोग इसके कई सारे फीचर्स से बहुत ज्यादा प्रभावित होते हैं. ऐसे ही आज कल एक बहुत ज्यादा ट्रेंड चल रहा हैं सनरूफ फीचर का. आजकल इसका ट्रेंड इतना है कि कई सारी कंपनियों ने अपने कम कीमत वाली कारों में भी ये फीचर देना शुरू कर दिया हैं.
लेकिन कई लोग इस बात को जान नहीं पाते है कि ये फीचर बहुत ही जरुरी है या फिर सब शो ऑफ के लिए लगाया जाता हैं. दरअसल आज हम आपको इसी फीचर के बारे में बहुत ही जरुरी और काम की जानकारी देने जा रहे हैं. तो चलिए हम इस फीचर के बारे में विस्तार से जानते हैं......
- सनरूफ एक महंगा फीचर होता है
कारों में लगा हुआ सनरूफ फीचर बहुत ही महंगा होता हैं.
साथ ही अगर ये के बार ख़राब हो जाये तो जल्दी रिपेयर नहीं होता हैं.
अगर आप इसे बनवाने के लिए मार्केट में भी जाते है तो आपको इसके लिए काफी ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती हैं.
इसलिए कई सारे लोग इसे एक बार ख़राब होने के बाद रिपेयर करवाने की बजाय बंद ही करवा देते हैं.
- क्यों नहीं हैं भारत में ये सक्सेस?
भारत के मौसम को देखते हुए ये फीचर बहुत ही कम सक्सेस हैं.
दरअसल भारत के कई सारे हिस्सों में तकरीबन 10 महीनों तक गर्मी का मौसम रहता हैं. जिसके कारण इन इलाकों का तापमान 40 से 45 डिग्री पार चला जाता हैं.
साथ ही फीचर ठंडे प्रदेशों के लिए सबसे होता हैं क्योंकि यहाँ पर आप अपना सनरूफ खोल कर धूप का आनंद ले सकते हैं.
गर्मियों के मौसम में इसकी वजह से गाड़ी की एसी पर लोड पड़ता है और केबिन को ठंडा होने में वक्त लगता हैं.
वहीं ठंडियों में इसका इस्तेमाल करने से ब्लोवर की हवा प्रभावित हो जाती हैं.
इसके साथ एक प्रॉब्लम ये है कि कई बार प्रयोग में लाने से इसकी फिटिंग में दिक्कत हो जाती हैं.
जिससे आपके कार में बारिश के समय में लीकेज होने लगती हैं.
एक बार ये प्रॉब्लम क्रिएट होने के बाद इससे निकल पाना बहुत ही मुश्किल होता हैं.
- कार बेचने पर वैल्यू कम हो जाती हैं
सनरूफ की वजह से पुरानी कार को बेचने पर इसकी रिसेल प्राइस कम हो जाती हैं.
इसको हमेशा यूज़ करने से आपके कार में गैप या जंक दिखाई देता हैं.
ये सब मिलकर कार की कीमतों को कम कर देते हैं. जिससे आपको भारी नुकसान होते हैं.