कार लेना हर एक आदमी का सपना होता हैं. मिडिल क्लास से लेकर हाई क्लास तक का हर एक शख्स चाहता हैं कि उसके पास एक खुदकी गाड़ी हो. जिसमे वो पूरी फॅमिली के साथ किसी हॉलिडे पर लॉन्ग ड्राइव पर जा सके हैं.
लेकिन कई बार आप कार खरीदते समय बहुत ही ज्यादा उलझन में पड़ जाते हैं की कोइन सी कार ले? मैन्युअल गियर वाली या फिर ऑटोमैटिक कार्स क्योंकि इन दोनों का क्रेज पूरे भारत में कई ज्यादा हैं. आजकल भले ही ऑटोमैटिक कार्स की डिमांड ज्यादा हैं लेकिन मैन्युअल गियर वाली का मुकाम आज भी वहीं हैं. ऐसे में कन्फूजन होना बहुत ही लाजमी हैं. कई सारे लोगों को आज भी मैन्युअल और ऑटोमैटिक कार्स की बारीकियों के बारे में अच्छे से नॉलेज नहीं हैं. उन्हें AT और CVT गियरबॉक्स में अंतर तक नहीं पता हैं. इसलिए आज हम आपको इन दोनों कार्स के बारे में सारी जानकारी देने जा रहे हैं. जिसे जानने के बाद आपकी उझन खत्म हो जाएगी और फिर आप अपने मन मुताबिक कार खरीद पाएंगे.
कैसी होती ऑटोमैटिक कार्स?
ऑटोमैटिक गियर बॉक्स वाली कारे मैन्युअल गियर वाली कार्स से बहुत अच्छे और लॉन्ग ड्राइव में काफी कम्फर्टेबले होती हैं क्योंकि लम्बे सफर में आपको बार-बार क्लच दबा करके गियर चेंज करने की जरूरत पड़ती हैं. इन कार्स में गियर को इंजन के हिसाब से बदला जाता हैं. साथ ही ऑटोमैटिक गियर बॉक्स वाली कार्स मैन्युअल गियर बॉक्स के मुकाबले ख़राब रास्तों और ज्यादा भीड़-भाड़ वाली जगहों में भी बेहतरीन तरीके से चलती हैं. या यूँ कहें इन्हें चलाना बहुत ही आसान होता हैं. इसके साथ अगर आप पहली बार कार चलाना सीख रहे हैं तो आपको ऑटोमेटिक्स गियर बॉक्स वाली कार्स चलानी सबसे बेहतरीन होते हैं क्योंकि इसमें बार-बार स्पीड के हिसाब से गियर चेंज नहीं करना पड़ता हैं.
कैसी होती है मैन्युअल ट्रांसमिशन वाली कार्स?
ये बात सच हैं कि लोगों के बीच में आजकल ऑटोमैटिक गियर वाली कार्स की डिमांड बढ़ रही हैं लेकिन बावजूद इसके मैन्युअल ट्रांसमिशन वाली कार्स का आज भी जवाब नहीं हैं. इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण ये होता है कि इन में ऑटोमैटिक गियर वाली कार के मुकाबले कम खर्च लगती हैं. इसके अलावा इनका माइलेज ऑटोमैटिक कार से बेहतरीन और ज्यादा होता हैं. मैन्युअल गियर वाली कार्स पहाड़ों पर अच्छी होती हैं. इनके इंजन में पावर अधिक होता हैं जिससे इन्हें पहाड़ों में चढ़ाने में आसानी होती हैं. साथ ही ये कार काफी सस्ते होते हैं.