आजकल लोग बढ़ते प्रदूषण और महंगे होते पेट्रोल और डीजल की वजह से सीएनजी वाली कार ज्यादा ले रहे हैं. इसके कई फायदे होते हैं जैसे पेट्रोल और डीजल पर खर्च होने वाले हैवी बजट कम होता हैं और पर्यावरण में प्रदूषण भी नहीं फैलता हैं.
लेकिन सीएनजी वाली कार्स का केयर करना भी बहुत ही जरुरी होता हैं. चूँकि ये सीएनजी गैस से चलती हैं इसलिए इसकी देखभाल करते समय कुछ खास सावधानियां बरतनी बहुत जरुरी होती हैं. नहीं तो आपके कार को काफी नुकसान हो सकता हैं. साथ ही कई बार कार में आग भी लग सकती हैं. इसी कारण से आज हम आपको सीएनजी कार के केयर के लिए कुछ खास टिप्स बताने जा रहे हैं. जिनको फॉलो करके आप अपने कार को मेंटेन कर सकते हैं.....
लोकल सीएनजी भूलकर भी ना लगवाएं
सीएनजी कार्स के लिए जरुरी हैं कि आप सीएनजी किट ब्रांडेड ही लगवाइये क्योंकि लोकल सीएनजी किट लगवाना खतरनाक साबित हो सकता हैं. तो कई बार आग भी लग सकता हैं.
अगर आप ने बाहर से सीएनजी किट लगवाई है. तो आपको इस बात की जांच अवश्य करनी चाहिए कि ये किट पूरी तरह सर्टिफाइड है कि नहीं. साथ इसे लगाने वाला मैकेनिक काम में कुशल हैं कि नहीं.
लाइटर और ज्वलनशील पदार्थों का इस्तेमाल ना करें
सीएनजी वाले कार में कभी लाइटर का इस्तेमाल ना करिये. इससे आपके कार में आग लगने की संभावना बढ़ जाती हैं. साथ ही कभी सीएनजी कार में किसी भी प्रकार का ज्वलनशील पदार्थ भूलकर भी ना रखिये. इससे भी कार में विस्फोट होने का खतरा बढ़ सकता हैं. सीएनजी कार में धूम्रपान ना करें.
सीएनजी किट की जाँच जरूर करें
आप अपने गाड़ी में लगी सीएनजी किट का नियमित तौर पर जांच जरूर करते रहें. सिलेंडर में अगर कोई लीकेज हो तो उसे ठीक करा लीजिए. इसके साथ ही आप इसको एक तय सीमा तक ही भरवाएं नहीं तो कई बार ये ओवरलोड हो जाता हैं. जिससे परेशानी कड़ी होती हैं. आप इसे ठंडे जगहों पर ही सेट कराएं. कभी कार में ऐसी जगह सीएनजी किट ना लगाइये जहां पर गर्मी या ज्वलनशील पदार्थ होने संभावना अधिक हो.
पार्किंग हमेशा छाए वाली जगह पर करें
सीएनजी वाली गाड़ियों को गर्मियों में हमेशा किसी छायादार जगह पर ही पार्क करना चाहिए. तेज धूप और भयंकर गर्मी के कारण धूप में खड़ी गाड़ी का कैबिन जल्दी गर्म हो जाती हैं. जिसकी वजह से विस्फोट की संभावना बन सकती हैं. इसलिए हमेशा कार को छाए में ही पार्क करें.
सिलेंडर की हाइड्रो-टेस्टिंग जरूर कराएं
अपने सीएनजी सिलेंडर की हर तीन साल में हाइड्रो-टेस्टिंग जरूर कराएं. काफी जरुरी होता हैं. इससे पता चल जाता है कि कहीं आपके सिलेंडर में कोई डिफेक्ट, खराबी या लीकेज तो नहीं हैं. साथ ही इसकी भी जानकारी हो जाती है कि अभी ये कब तक चल सकता हैं.