हिन्दू धर्म कण-कण में भगवान माने जाते हैं. इसके कई सारे धर्मग्रंथों में पशु-पक्षियों के भी पूजा-उपासना का ज़िक्र मिलता हैं. ऐसे ही एक प्रसंग आता हैं नागों की पूजा का, जिसे हिन्दू धर्म में नाग पंचमी के नाम से मनाया जाता हैं. पुराणों के अनुसार नागों को शुभ माना जाता हैं.
कहते हैं कि उनकी पूजा करने से भगवान शिव अपने भक्तों से प्रसन्न रहते हैं. नागों की पूजा को लेकर हिन्दू धर्म में कई सारे मत हैं. जिनके अनुसार नागों की पूजा को हिन्दू धर्म में अधिक महत्व दिया गया हैं. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर नाग पंचमी क्यों मनायी जाती हैं? इसका का महत्व क्या हैं और इस साल नाग पंचमी कब मनाई जाएगी? तो चलिए इन सवालों के बारे में विस्तार से जानते हैं....
इस साल क्या हैं शुभ मुहूर्त?
इस साल नाग पंचमी 13 अगस्त को पड़ रहा हैं. हालाँकि इसकी शुरुआत 12 अगस्त की दोपहर से हो रहा हैं. जो कि अगले दिन तक चलेगा. इस साल नाग पंचमी का शुभ संयोग इस प्रकार से हैं...
- पंचमी तिथि प्रारंभ: - 12 अगस्त 2021 दोपहर (03:24)
- पंचमी तिथि समापन: - 13 अगस्त 2021 दोपहर (01:42)
- नाग पंचमी 2021 पूजा मुहूर्त: - सुबह 05:49 से लेकर सुबह 08:28 तक
कब और क्यों मनाई जाती हैं नाग पंचमी?
आमतौर पर सावन के शुक्लपक्ष की पंचमी को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता हैं. इस दिन नागों की विशेष रूप से पूजा की जाती हैं. साथी लोग अपने घर के बाहर नाग की आकृति भी बनाते हैं. नाग पंचमी के दिन वासुकी नाग,तक्षक नाग, शेषनाग आदि नागों की पूजा की जाती हैं. इस साल नाग पंचमी 13 अगस्त को मनाया जायेगा. इस दिन हर को नागों को दूध पिलाते हैं. साथी ऐसी मान्यता हैं कि नागों की इस दिन पूजा करने से घर में उनकी असीम कृपा रहती हैं.
कालसर्प दोष के निवारण के जरुरी हैं नाग पंचमी का त्यौहार
जिस जातक की कुंडली में सारे ग्रह राहु और केतु के बीच में आ जाते हैं उसे कालसर्प दोष हो जाता हैं. ऐसे इंसान के जीवन में निरंतर अशुभ होने का संयोग रहता हैं. ऐसे में नाग पंचमी का व्रत और अनुष्ठान करने से जातक कालसर्प दोष से मुक्त हो सकता हैं.
इन पांच चीजों से होती हैं नाग की पूजा
नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा के लिए 5 चीजों की आवश्यकता होती हैं. धान,धान का लावा, दूर्वा, गाय का गोबर और दूध इन पांच चीजों से ही नाग देवता की पूजा की जाती हैं.
नाग की ये 12 प्रजातियां हैं खास
वैसे तो नागों की कई सारी प्रजातियां पायी जाती हैं. लेकिन पुराणों और धर्म ग्रंथों के अनुसार ये खास 12 प्रकार के नागों का काफी महत्व होता हैं. जो इस प्रकार से हैं... नाग अनन्त, वासुकि, शेष, पद्म, कम्बल, कर्कोटक, अश्वतर, धृतराष्ट्र, शङ्खपाल, कालिया, तक्षक और पिङ्गल।
नाग पंचमी के दिन इन मंत्रो का करें जाप
नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा के समय मंत्रो का जाप करना बहुत ही लाभकारी होता हैं. ऐसा करने से नागों की असीम कृपा प्राप्त होती हैं. नाग पंचमी में इन मंत्रो का जाप करना चाहिए....
सर्वे नागाः प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले।
ये च हेलिमरीचिस्था येऽन्तरे दिवि संस्थिता:॥
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिन:।
ये च वापीतडगेषु तेषु सर्वेषु वै नम:॥
अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्।
शङ्ख पालं धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा॥
एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्।
सायङ्काले पठेन्नित्यं प्रातःकाले विशेषत:।
तस्य विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्॥