आपने अक्सर सुना होगा कि वो बाथरूम में नहान रहे थे. तभी हार्टअटैक आया और मार गए. लेकिन क्या कभी आपके मन में ये सवाल आया हैं कि ज्यादातर हार्टअटैक बाथरूम में या नहाते वक्त ही क्यों आते हैं?
आखिर ऐसा क्या कारण हैं कि लोग नहाते समय ही हार्टअटैक के शिकार होते हैं? ये सवाल जितना हैरान करने वाला हैं. उससे कहीं ज्यादा दिलचस्प इसका जवाब हैं. अधिकतर हार्टअटैक के केसेज बाथरूम में ही घटित होती हैं. कई सारे हेल्थ और मेडिकल एक्सपर्ट्स की माने तो बाथरूम में हार्टअटैक आने की संभवाना बहुत ज्यादा रहती हैं. ऐसे में कुछ बातों का खास तौर पर ध्यान देना बहुत जरुरी होता हैं. आज हम आपको इसके बीचे की असली वजह और इससे जुड़ी कुछ सावधानियों के बारे में बताने जा रहे हैं. तो चलिए जानते हैं....
रिपोर्ट में किया गया हैं ये खुलासा
बाथरूम में ज्यादा हार्टअटैक आने वाली इस बात में कितनी सच्चाई हैं. इसके लिए अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसीन के नेशनल सेंटर फॉर बॉयोटेक्नोलॉजी इंफोर्मेशन ने एक रिसर्च किया. इस रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार ये बात सच हैं. साथ ही आमतौर पर हार्टअटैक आने के चांसेज में से तकरीबन 11 प्रतिशत ज्यादा संभावना बाथरूम में होती हैं. साथ ही बाथरूम में हार्टअटैक का खतरा कहीं ज्यादा बढ़ जाता हैं.
इसके पीछे क्या कारण हैं?
मेडिकल और हार्ट स्पेशलिस्ट के अनुसार, " जिन लोगों को कब्ज की शिकायत रहती हैं. उनके लिए बाथरूम में हार्ट अटैक के चांस बढ़ जाते हैं क्योंकि जब वो
पेट साफ करने के लिए ज्यादा स्ट्रेन करते हैं तो इसका सीध असर उनके हार्ट पर होता हैं. ऐसे में उनके लिए हार्ट अटैक की सम्भावना ज्यादा हो जाती हैं."
इसलिए डॉक्टर हार्ट पेशेंट्स को कब्ज की तकलीफों से जल्दी छुटकारा पाने की सलाह देते हैं.
साथ ही नहाते समय भी हार्ट की तकलीफ वाले लोगों को इसका खतरा बढ़ जाता हैं. कई बार लोग मौसम के हिसाब से पानी का इस्तेमाल नहीं करते हैं. मतलब ठंडे में गर्म और गर्मी में ठंडे पानी से नहाना चाहिए. लेकिन जो लोग इस बात का ध्यान ना रखते हुए किसी भी तापमान के हिसाब से पानी का इस्तेमाल करते हैं. उनके हार्ट पर काफी स्ट्रेस बढ़ जाता हैं. जिसकी वजह से हार्टअटैक के चांस बढ़ जाते हैं.
बचाव के लिए क्या करें?
ऐसे में इससे बचने के लिए आप अपना ख्याल रखें. लापरवाही ना करें और कब्ज की समस्या होने पर पूरा मेडिकल करिकुलम फॉलो करें. साथ ही जल्दी से जल्दी इससे ठीक होने की कोशिश कीजिए. ज्यादा लोड ना लें. टेंशन और तनाव से दूर रहने की कोशिश करने. नहीं तो आपके हार्ट पर दवाब बढ़ता हैं और इससे आपका स्वास्थ्य ख़राब होने लगता हैं. खाने पीने में जरुरी और डॉक्टर की सलाह पर चीजों को शामिल करें.