आमतौर पर जब किसी को कोई पुरस्कार दिया जाता हैं. तो लोग समझते हैं कि उसे कोई बड़ी धनराशि भी साथ में मिली ही होगी. जो एक हद तक सही भी हैं क्योंकि हमारे समाज में जब भी कोई शख्स कोई प्रतियोगिता जीतता हैं या अपने सवर्श्रेष्ठ कामों के लिए नवाजा जाता हैं.
तो उसे कुछ धन राशि अवश्य भेट की जाती हैं. लेकिन बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि कुछ पुरस्कार और सम्मान ऐसे भी होते हैं. जिनमें किसी भी प्रकार की कोई धनराशि शामिल नहीं होती हैं. ऐसे ही पुरस्कारों में भारत देश का सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न भी शामिल हैं. जिसे पाने वाला शख्स बहुत ही भाग्यशाली और प्रतिष्ठित माना जाता हैं. लेकिन एक सवाल यहाँ पर आता हैं कि अगर भारत रत्न पुरस्कार पाने वाले इंसान को जब पैसे नहीं मिलते हैं. तो उसे आखिर क्या दिया जाता हैं? आज हम आपको इस के बारे में विस्तार से बताएँगे की जो शख्स भारत रत्न पता हैं. उसे क्या- क्या चीजें दी जाती हैं.
कैसे होता हैं इसके लिए चयन?
इस पुरस्कार को हर साल कुछ ऐसे हस्तियों को दिया जाता हैं. जो इंसान कला, साहित्य, सार्वजनिक सेवा और खेल में बेहतर काम करता हैं. उसे हर साल भारत सरकार और देश के राष्ट्रपति के द्वारा भारत रत्न से सम्मानित किया जाता हैं. इस पुरस्कार को पाने वाले लोगों की सूची भारत के प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रपति के पास जाती हैं. साथ ही प्रधानमंत्री की सिपारिश पर उस शख्स को राष्ट्रपति चयन करते हैं. बाद में उसे राष्ट्रपति भवन में बुलाकर समाहरो का आयोजन करके इससे सम्मानित किया जाता हैं.
कब हुई थी भारत रत्न की शुरुआत?
भारत रत्न पुरस्कार की शुरुआत साल 1954 से हुई थी. सबसे पहले भारत के महान वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकटरमण को इससे सम्मानित किया गया था. अब तक इस पुरस्कार से कई सारे लोगों की सम्मानित किया गया हैं. जिसमें भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम, सचिन तेंदुलकर, पंडित भीमसेन जोशी, फेमस साइंटिस्ट सीएनआर राव आदि को इससे नवाजा गया हैं. साथ ही कई सारू गैर भारतीय मुल्क के लोगों को भी ये सम्मान दिया गया हैं. जैसे मदर टेरेसा, खान अब्दुल गफ्फार खान और नेल्सन मंडेला आदि. साल 1955 के बाद इसको मरणोपरांत भी इस पुरस्कार को देने का प्रचलन शुरू हुआ. आइये जानते हैं इसे पाने वाले इंसान को क्या-क्या मिलता हैं....
किसी भी प्रकार की धनराशि नहीं मिलती
इस पुरस्कार में भारत सरकार लाभार्थी को एक प्रमाणपत्र देती हैं. साथ ही उन्हें एक पदक भी मिलता हैं. जिसपर सूर्य का चित्र बना होता हैं और नीचे हिंदी में भारत रत्न लिखा होता हैं. जबकि इसके पिछले वाले हिस्से पर अशोक चिन्ह अंकित रहता हैं. जिसपर सत्यमेव जयते लिखा रहता हैं. इस सम्मान में कोई धनराशि नहीं मिलती हैं.
भारत रत्न पाने वाली शख्स भारत सरकार आजीन फ्री रेल यात्रा करने की सुविधा देती हैं. साथ ही दिल्ली सरकार आजीवन मुफ्त बस यात्रा करने की सुविधा देती हैं.
वॉरंट ऑफ प्रेसीडेंस में स्थान
भारत रत्न पाने वाले इंसान को भारत सरकार वॉरंट ऑफ प्रेसीडेंस में जगह देती हैं. ये एक प्रकार का सरकारी प्रोटोकॉल होता हैं. इस को पूरी तरह से फॉलो करने के भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति को राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, पूर्व राष्ट्रपति, उपप्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा स्पीकर, कैबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता के बाद स्थान मिलता हैं.