शर्ट की टूटी बटन से लेकर ऑपरेशन थिएटर में लेटे इंसान तक हर किसी के काम आता हैं सुई-धागा. जब भी आपकी जेब फट जाती हैं, या शर्ट की बटन टूट जाती या कही पर कपड़ा फट जाता हैं. तो उसको सिलने में सुई धागे का बहुत अहम रोल होता हैं.
छोटा सा सुई धागा ही आपके शरीर में टांके लगाने के काम आता हैं. लेकिन कभी इस बात पर गौर किया हैं कि सिलाई मशीन का निर्माण किसने की? कौन था वो शख्स जिसकी वजह से आज हम इतने अच्छे और ब्रांडेड कपड़े बहुत ही शौक से पहन कर तैयार होते हैं? अगर सिलाई मशीन का आविष्कार नहीं हुआ होता तो क्या होता? इतनी सारी कपड़े की फैक्टरियां नहीं होती, इतने सारे ब्रांड के कपड़े नहीं होते. सिलाई मशीन के बारे में हम सभी जानते हैं. साथ ही इसके काम के बारे में भी जानते हैं. लेकिन का इसे बनाने वाले इंसान को आप जानते हैं? आज हम आपको सिलाई मशीन बनाने वाले उस महान शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं.
इस अमेरिकी इंसान से बनाया था सिलाई मशीन
दुनिया को सिलाई मशीन जैसे बेहतरीन तोहफा अमेरिका के एलायस हॉवे ने दिया था. इन्होंने ने ही सिलाई मशीन का अविष्कार किया था. साल 1835 में इन्होंने सिलाई मशीन का आविष्कार किया था. साथ ही इन्होंने एक टेक्सटाइल कंपनी की भी शुरुआत की थी.
कैसे आया था सिलाई मशीन बनाने का आइडिया?
एलायस हॉवे का जन्म 9 जुलाई 1819 को मैसाच्युसेट्स में हुआ था. साल 1835 में ही उन्होंने यही से अपनी टेक्सटाइल कंपनी की शुरुआत की थी. साल 1837 में वो कैंब्रिज चले गए थे. हर तरह की मशीन के मैन्युफैक्चर और रिपेयरिंग में महारत हासिल करने के बाद. ही इन्हें सिलाई मशीन बनाने का विचार आया था.
इसके बाद साल 1845 में उन्होंने पहली सफल सिलाई मशीन का निर्माण करके इसे पेटेंट करवा लिया था. हालाँकि इससे पहले भी सिलाई मशीन बनाने के लिए 80 बार प्रयास किया गया था. एलायस हॉवे के बनाई गई मशीन को पहले किसी ने नहीं ख़रीदा. उसे उनके भाई ने ब्रिटेन में ले जाकर 250 पॉउंड में बेचा था.
20 हजार साल पुराना हैं सुई-धागे का इतिहास
भले ही सिलाई मशीन का निर्माण देरी से हुआ. लेकिन हस्त सिलाई का इतिहास तकरीबन 20 हजार साल पुराना हैं. आदिमानव जानवरों की सींगों और हड्डियों से और उनके खाल से बने धागे से सिलाई का काम करते थे. भारत में सबसे पहले 1935 में कोलकता के एक कारखाने से उषा नाम की सिलाई मशीन की शुरुआत हुई. आज भी मार्किट में उषा ब्रांड की सिलाई मशीन का अपना अलग रुतबा और मुकाम हैं. लोग इसकी क्वालिटी और परफॉरमेंस पर भरोसा करते हैं.