Story in Hindi & English

Singhasan Battisi Storeis Part 2
दूसरी पुतली चित्रलेखा ~ राजा विक्रम और बेताल की कथा

दूसरी पुतली चित्रलेखा राजा भोज को जो कथा सुनाई वो इस प्रकार हैं.. 

राजा विक्रमादित्य एक दिन शिकार खेलने गए और दूर घने जंगल में उन्होंने सरोवर किनारे के महात्मा को तपस्या करते हुए देखा. उन्होंने सरोवर के पास जाकर महात्मा को प्रणाम किया और उनका कुशल क्षेम पूछा. महात्मा राजा विक्रम से मिलकर बहुत प्रसन्न हुए और उन्हें एक फल दिया और कहा, ''हे राजन! ये एक चमत्कारी फल है, इससे खाने वाली स्त्री को एक यशस्वी और कीर्तिवान पुत्र की प्राप्ति होगी. अतः ये फल आप अपने साथ ले जाइये.''

Singhasan Battisi Storeis Part 3
तीसरी पुतली चन्द्रकला ~ पुरुषार्थ और भाग्य में कौन बड़ा

तीसरी पुतली चन्द्रकला ने जो कथा सुनाई वह इस प्रकार है...... 

एक बार परुषार्थ और भाग्य में इस बाद को लेकर झगड़ा हो गया कि उन दोनों में से श्रेष्ठ कौन हैं? दोनों का झगड़ा इतना बढ़ा की वो दोनों देवराज इंद्र के पास गए, इंद्र भी इस बात का सही उत्तर नहीं दे सकें तो उन्होंने उन दोनों को उज्जैयनी के राजा विक्रमादित्य के पास भेज दिया. उन दोनों ने मानव का भेष धारण कर राजा विक्रम के पास गए. राजा ने उन दोनों की फ़रियाद सुनी और उन दोनों को सही जवाब देने के लिए उनसे 6 महीनें का समय माँगा और उन दोनों ने राजा को समय दे दी और वापस चले गए.

Singhasan Battisi Storeis Part 4
चौथी पुतली कामकंदला ~ विक्रमादित्य की दानवीरता तथा त्याग की भावना

एक दिन राजा विक्रमादित्य अपने राज्य में बैठ कर किसी विषय में बात कर रहे थे कि एक ब्राह्मण वहाँ पर आये. उन्होंने राजा विक्रमादित्य से अकेले में बात करनी की अनुमति मानी. राज मन गए और उस ब्राह्मण ने राजा से कहा कि, '' हे राजन! मुझे देवराज इंद्र ने भेजा है, उन्होंने आप से सहायत मांगी है. आपको उनके आत्मविश्वास की रक्षा करनी हैं.'' 

Singhasan Battisi Storeis Part 5
पाँचवीं पुतली - लीलावती ~ विक्रमादित्य की दानवीरता

एक बार राजा विक्रमादित्य अपने राज दरबार में बैठे थे कि एक ब्राह्मण का आगमन हुआ. राजा ने उस अतिथि ब्राह्मण की खूब सेवा की. उसके बाद उस ब्राह्मण ने कहा, '' हे राजन! आपके राज्य में देवी लक्ष्मी की असीम कृपा होगी अगर आप एक सुन्दर और भव्य महल का निर्माण कराकर उसमें रहें तो. राजा विक्रम को ये बात अच्छी लगी और उन्होंने जनता और राज्य की भलाई के लिए एक बहुत ही सुंदर महल बनवाया.

Bhasmasura Story Shivpuran
भगवान शिव को क्यों भागना पड़ा कैलाश छोड़कर?

भगवान शिव बहुत ही दयालु है और उनकी दयालुता के बहुत से प्रसंग है. इसी में से एक सबसे ज्यादा प्रचलित प्रसंग हैं, महादेव और उनके भक्त भस्मासुर की. कैसे महादेव जी एक बार अपने एक वरदान की वजह से खुद ही मुसीबत में फँस गए थे? वरदान मिलने के बाद भस्मासुर ने भगवान शिव को ही भस्म करने के लिए उनके पीछे पड़ गया. तो पहले पूरी कहानी जानते है फिर जानते हैं कैसे भगवान शिव उससे बचे? 

Why no one can climb Mount Kailash?
कैलाश पर्वत पर कोई आजतक क्यों नहीं चढ़ पाया?

हम सबको ये पता है और हमारे धर्म-ग्रंथों में भी इसका वर्णन है कि महादेव शिव शंकर कैलाश पर्वत पर ही रहते थे. यहीं वो स्थान है जहाँ भगवान शंकर अपनी पत्नी पार्वती के साथ रहते थे. लेकिन क्या आपको ये पता है की भगवान शंकर आज भी कैलाश पर मौजूद है? आख़िर क्यों कोई पर्वतारोही कैलाश पर्वत पर नहीं चढ़ पता?  आख़िर कौन सी शक्ति उन्हें ऐसा करने से रोकती हैं? 

7 Immortals of Hinduism
हिन्दू धर्म के सात अमर महापुरूष कौन है?

हिन्दू धर्म ग्रंथों में कई सारे महापुरूषों और महान योद्धाओं का जिक्र मिलता है. जो बहुत ही बलशाली और महात्मा प्रवृति के थे. ऐसे ही सात महापुरूष और है जो पुराणों के अनुसार अजर और अमर कहे काज हैं और आज भी इस धरती लोक पर मौजूद है. जो कलियुग के अंत तक यहाँ पर किसी न किसी कारण से रहेंगे और कलियुग के अंत में यहाँ से वापस स्वर्ग में चले जाएँगे. ये महापुरूष इस प्रकार है...

Mahashivratri Puja-Vart kaise kare?
महाशिवरात्रि पर रखे इन बातों का ध्यान नहीं तो मिलेगा पाप

महाशिवरात्रि एक ऐसा पर्व है जो हर साल बहुत ही धूम धाम से बहुत आनंद से मनाया जाता है. ये हिन्दू धर्म के सब बड़े देवता माने जाने भगवान शंकर के सबसे दिन रूप में मनाया जाता है. इस त्यौहार की बहुत मान्यता है, जिसके अनुसार करोड़ों श्रद्धालु इस दिन भगवान शिव की आराधन करते है. इस दिन पूजा , व्रत को सम्पूर्ण विधिविधान से करने पर आपके सारी मनोकामनाएं पूरी होती है और भगवान शिव अपने भक्तों से काफी प्रसन्न होते है. शिवमहापुराण में बताये गए कुछ बातों शिवरात्रि के दिन पूजा पाठ करते समय ध्यान रखें....  

Why do We Celebrate Mahashivratri?
महाशिवरात्रि क्यों मानते है?

हिन्दू धर्म में भगवान शिव की बहुत ही महिमा है,देवता, दांव, नाग, किन्नर, गन्धर्व और मानव हर जाति के लोग महादेव की उपासना करती हैं. उनकी सच्चे निष्ठा भाव से पूजा अर्चना करते हैं. शिव शंकर महादेव, भोलेनाथ, भूतनाथ, रुद्रदेव और महाकाल आदि कई नामों से इनको पुकारा जाता हैं. भगवान शंकर सच में बहुत ही दयालु और भोले हैं. इसलिए ये भी कहा जाता है कि उनको प्रसन्न करना सबसे असंही और वो आपकी हर मनोकामना पूर्ण करते हैं. 

Tirupati Balaji Temple Mystery
भारत का एक ऐसा चमत्कारी मंदिर जहाँ पर पत्थर की मूर्ति को भी पसीना आता हैं

अगर आप से कोई ये कहे की भारत में एक ऐसा मंदिर है जहाँ पर भगवान की मूर्ति को पसीना आता हैं. क्यों हैरान हो गए न? अब आपको लग रहा होगा की ये सब बकवास हैं. लेकिन वास्तव में ये कोई मज़ाक नहीं बल्कि हक़ीक़त है. भारत विश्व का अकेला एक ऐसा देश है जहाँ पर समय-समय पर भगवान स्वयं अवतरित हुए हैं और आम जन मानस का कल्याण किया हैं.

Relation between Lord Kalki Avatar and Maa Vaishno
माँ वैष्णो और कल्कि अवतार के बीच क्या रहस्य छुपा है?

माता वैष्णों की हिन्दू धर्म में बहुत ज्यादा मान्यता है. हर साल जम्मू प्रदेश के कटरा शहर के त्रिकुटा पहाड़ों के बीचों बीच स्थित माँ वैष्णों देवी का धाम हैं. जहाँ पर हर साल लाखों करोड़ों लोग दर्शन के लिए जाते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि माँ वैष्णों यहाँ इस गुफा में क्या कर रही है? आख़िर कई सालों से ये यहीं पर ही विराजमान है? वास्तव में माँ वैष्णों साक्षत इस गुफा में निवास करती हैं.

Who are the 7 Chiranjivis who will help Kalki in Kalyug
आखिर क्यों कर रहें है ये 7 लोग कल्कि अवतार की प्रतीक्षा?

हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार भगवान श्रीहरि विष्णु कलियुग के अंत समय में अपने दशवें अवतार में अवतरित होंगें और पृथ्वी पर बढ़ गए पाप और अधर्म का नाश करेंगे. भगवान विष्णु के इस अवतार का विधिवत वर्णन 18 पुराणों में मिलता हैं. महर्षि वेदव्यास ने कल्कि अवतार का वर्णन महाभारत और विष्णु महापुराण में भी किया हैं. लेकिन यहाँ पर एक सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर वो 7 महापुरुष कौन है जो कई हज़ार वर्षों से,

Mystery of Lord Jagannath Temple
भगवान जग्गनाथ जी के मंदिर के ये गहरे रहस्य आप नहीं जानते होंगे

हिन्दू धर्म में चारधाम की यात्रा का बहुत महत्व हैं. जिसकी वजह से ही हर साल लाखों लोग चारधाम की यात्रा पर निकलते हैं. इन्हीं चारधामों ने से एक है उड़ीसा में स्थित जग्गनाथ मंदिर. जग्गनाथ भगवान विष्णु का सबसे लोकप्रिय और चमत्कारी मंदिर माना जाता हैं. जहाँ पर भगवान श्रीकृष्ण अपने बड़े भाई बलदेव और छोटी बहन सुभद्रा के साथ विराजमान हैं. इस मंदिर के बहुत से अनोखे रहस्य है जिनको अभी तक कोई भी नहीं सुलझा सका हैं. 

Where is Karna kavach- kundal ?
आख़िर कहाँ है कर्ण का कवच और कुण्डल?

महाभारत का युद्ध भारतीय धर्म ग्रंथों के अनुसार सबसे महान धर्मयुद्ध माना जाता हैं. जिसमें कई सारे महाबली योद्धों ने भाग लिया था. ये एक ऐसा धर्मयुद्ध था जिसमें, नर, किन्नर, नाग और राक्षस भी शामिल हुए थे. 

वैसे तो इस महायुद्ध में कई सारे महाबली योद्धा शामिल थे लेकिन एक ऐसा योद्धा भी था जिसका जिक्र बहुत अधिक किया जाता है, जिसका नाम था महाबली, महादानी अंग राज कर्ण. 

Raja Nahush Story
राजा नहुष को क्यों सप्तऋषियों ने दिया अजगर बनने का श्राप?

एक बार ऋषि दुर्वाशा स्वर्गलोक गए तब वहाँ पर उनका सही से आदर-सत्कार नहीं हुआ और उन्होंने देवराज इंद्र को शक्तिविहीन होने का श्राप दे दिया. उसके बाद इंद्र की सारी शक्तियाँ चली गई और उसी समय दैत्यों ने आक्रमण कर दिया. इंद्र को अपनी जान बचकर भागना पड़ा इसके बाद वो कहीं पर जाकर छुप गए. इधर देवलोक का सिंहासन खाली हो गया था जिसके बाद वहाँ पर दानवों का आक्रमण बढ़ गया.