एक गाँव में एक ब्राह्मण रहता था वो भिक्षा माँगकर अपने परिवार का पालन-पोषण करता था. एक दिन उसने सोचा कि जो भी मुझे भिक्षा मि मिलता उसे मेरे परिवार और बच्चों का पेट नहीं भरता है क्यों एक दिन नगर के राजा से चलकर कुछ सहायता के लिए निवेदन करते है. अगले दिन ही ब्राह्मण राजा से मिलने के लिए चल दिया. राजा के महल से पहले एक घना जंगल था ब्राह्मण उसी रास्ते से राजमहल की ओर जा रहा था. तभी उसे एक पेड़ के पास साँप दिखाई दिया. ब्राह्मण ने साँप को प्रणाम किया और उस साँप ने उस ब्राह्मण से कहा, मैं जानता हूँ आप राजा से आर्थिक सहायता माँगने जा रहे.