एक बार सेठ झोकुचंद बाजार से अपने घर को वापस आ रहे थे, तभी रास्ते में ही उनका बटुआ कही गिर गया. लेकिन उन्हें इस बात की जानकारी तब हुई जब वो अपने घर पहुँच गए और उसके बाद उन्होंने हाए तौबा मचाने लगे. उसके बाद उन्होंने ऐलान कर दिया कि जो कोई भी उनका खोया हुआ बटुआ लौटाएगा उसे वो 100 रुपए बतौर ईनाम देंगे.