कुछ बातें इतनी गंभीर होती है,कि वो केवल मजाक में ही कि जा सकती है
किसी बहाने पास मेरे रुक जाना,ख्वाब में भी मुझ से दूर ना जाना,बात तेरे जाने की रुला गई मुझे,मरने से पहले मुझको मार ना जाना l
"ना वो पूछती है, ना मैं बताता हूँ,अचानक मैं गुम-सा हो जाता हूँ,फिर मिलता हूँ पहली बार की तरह,इश्क़ फिर नया उसी से कर जाता हूँ l"
उसे गजब का शौंक है हरियाली का,
रोज आकर मेरे जख्मों को हरा कर जाता है.
ज़िंदगी भर के लिए रूठ के जाने वाले
मैं अभी तक तिरी तस्वीर लिए बैठा हूँ
वफ़ा तुझ से ऐ बेवफ़ा चाहता हूँ
मिरी सादगी देख क्या चाहता हूँ