"उसकी अहसासों की शौल ओढ़ जब लेता हूँ,उसी साँसो की गर्माहट में जुदाई काट लेता हूँ,यादों ने उनके,साथ मुझसे जोड़ा है कुछ ऐसा,मुस्कुराते हुए, तन्हाई काट लेता हूँ l"
उसके होके हम,उससे जुदा हो जायेंगे,यूँ हम एक दिन मोह्हबत से,खफा हो जायेंगे l
एक पल में छोड़ दिया तूने बात करना.....
कुछ तो मजबूरियाँ रही होंगी
यूँ कोई बेवफ़ा नहीं होता
अच्छा तुम्हारे शहर का दस्तूर हो गया
जिस को गले लगा लिया वो दूर हो गया