राहत और चाहत में बस फ़र्क है इतना..
राहत बस तुमसे है और चाहत बस तुम्हारी..
आप खुद नही जानती आप कितनी प्यारी हो,
जान तो हमारी पर जान से प्यारी हो,
दूरियों के होने से कोई फ़र्क नहीं पड़ता,
आप कल भी हमारी थी आज भी हमारी हो!!
खुशबू बनकर तेरी सांसो में समा जाएँगे,
सुकून बनकर तेरे दिल में उतर जाएँगे,
महसूस करने की कोशिश तो कीजिए,
दूर रहते हुए भी पास नज़र आएँगे!!
उनका भी कभी हम दीदार करते है,उनसे भी कभी हम प्यार करते है,क्या करे जो उनको हमारी जरुरत न थी,पर फिर भी हम उनका इंतज़ार करते है..!!
सिर्फ इतना ही कहा है, प्यार है तुमसे,जज्बातों की कोई नुमाईश नहीं की,प्यार के बदले सिर्फ प्यार मांगती हूँ,रिश्ते की तो कोई गुज़ारिश ही नहीं की..