ना जाने क्यों तुझे देखने के
बाद भी,
तुझे ही देखने की चाहत रहती है..!!
Mile ho tum humko
Bade naseebon se
Churaya hai maine
Kismat ki lakeeron se.
कैसे बदल दूं मैं फितरत ये अपनी,मुझे तुम्हें सोचते रहने की आदत सी हो गई है..!!
ख़ूबसूरती ना चेहरे में होती है ना लिबास में, निगाहे जिसे चाहे उसे हसीन कर दे|
मोहब्बत का कोई इरादा तो नहीं था ऐ दिलनशी पर देखी जो तेरी अदा तो नियत ही बदल गयी|
तोड़ कर जोड़ लो चाहे हर चीज दुनिया की...सब कुछ काबिल-ए-मरम्मत है...ऐतबार के सिवा...!!!