जाने अब कौन आँखों से निकल,कागज़ पे आने वाला है,सुना हैं मेरा मेहबूब फिर,कोई तस्वीर बनाने वाला है l
"ना वो मेरी जिम्मेदारी है,ना वो मेरी मज़बूरी है,साथी है राहों की मेरी,ज़िंदगी में मेरी जरुरी है l"
"उन्हें मेरी बातें अच्छी नहीं लगती,मुझे उनसे दूरी अच्छी नहीं लगती,कोई फासला मिले की खुश हो दोनों,फासलों में ज़िंदगी अच्छी नहीं लगती l"
जो बेइन्तिहाँ चाहत से रूह में उतर जाये
सिर्फ वही मोहब्बत में माहिर है..
बहुत छोटी List है, मेरी ख्वाइशों की,
पहली भी तुम और आखरी भी तुम.