बातें मेरी उन्हें समझ नहीं आती,हर बात, बातों में समझाई नहीं जाती lआँखें बंद कर क्यों नहीं सुनती दिल की,दिल की बातों में दिमाग़ लगाई नहीं जाती l
" 'तुम ठीक हो' मेरे पूछने पे,जवाब 'हाँ' में आना ही..आज किसी मोह्हबत वाली,बात से जादा सुकून देता है l"
"सारी दुनियाँ के फेसबुक पे, रंगीन तस्वीर,एक दिन में, एक युग का आलम बताते रहे,वो अपनी खबर की कोई तस्वीर बता देती,ये सोच के हम कई बार फोन उठाते रहे l"
"कोई सड़क कभी, किसी मंजिल पे ख़त्म नहीं होती,किसी छोर पे जुड़ जाती है, किसी और रास्ते से,कोई एक मंजिल,पे ज़िंदगी भी कभी रूकती नहीं,मुड़ के देखना, और खूबसूरत हो अगले मोड़ से l"
इकरार करने में शब्दों का होना लाज्मी नहीं
दिल के जज्बात ही काफी हैं
आंखें बयान कर देती हैं दिल की दास्तान,
मोहब्बत लफ्जों की मोहताज़ नही होती
Hum Bhi Maujood The Takdeer Ke Darwaje Pe,
Log Daulat Par Gire Aur Humne Tujhe Maang Liya.