मेरे अनकहे "अलविदा" को…
तुम्हारे फिर से मिलने का इंतज़ार हैं ।
जो मुझे भुला देंगे मैं उन्हें भुला दूंगा,सब गुरुर उनका खाक में मिला दूंगा ।।
कई बार ऐसा लिखा मिला,जो मुझसे ना कभी कहा गया lकिसी ने बात कह दी ऐसी,जैसे मेरा दिल निकाल के रख गया l
मेरे बाएँ बाँह पे उनका सर हो,उनका बायाँ हाँथ मेरे सीने पर lफिर हर बात भूल जाता हूँ,अगली सहर होने तक l
"उसकी अहसासों की शौल ओढ़ जब लेता हूँ,उसी साँसो की गर्माहट में जुदाई काट लेता हूँ,यादों ने उनके,साथ मुझसे जोड़ा है कुछ ऐसा,मुस्कुराते हुए, तन्हाई काट लेता हूँ l"
तुम थी,तो कम थी,ना हो, तो भरपूर हो,पता चले की तुम हो मुझमें,इसलिए,ये मौसम जरूर हो l