रेत पर लिखी बात को लहरें मिटा देती है,वो कहती नहीं पर हर बात बता देती है lलिखती है वो खत अकेले में ,खुद पढ़ती है और फिर जला देती है l
" फर्क ये है कि मैं आँखों में काजल नहीं लगाता,शायद इसलिए मैं आँखों से झूठ नहीं बोल पाता l"
उसकी कश्ती डूब गयी समंदर में कहीं,माँझी जो बच गया बदनाम सारे जहाँ में हो गया...!
"थामना चाहते थे हाँथ दोनों एक दूसरे का,एक ने ज़माने के नाम पे छोड़ दी,एक ने मोह्हबत के नाम पे छोड़ दी l"
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हम तो मोहब्बत के सौदागर है,,
दिल का सौदा
सच्चा कर जाएंगे,,
अगर आप होंगे हमारी
मोहब्बत के"खरीददार तो
ए मेरे मेहबूब आपकी... कसम
मुफ्त में ही.....बिक जायेंगे".!! ☆ ●
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हाल तुझे मैं अपना बताऊँ कैसे,
चीर के दिल तुझे अपना दिखाऊँ कैसे,
है रोना वही हमेशा का अभी भी,
दास्ताँ मैं अपनी फिर दोहराऊँ कैसे,
ग़म की अपनी बातें तुझे सुनाऊँ कैसे,
मेरी ख़ामोशी में ही तेरी मोहब्बत है,
अपने इन लब्ज़ों को मैं हिलाऊं कैसे ||