तन्हाई में मुश्कुराना भी इश्क है,और इस बात को छुपाना भी इश्क है।
कितना पाक हुआ करती थी पहले की मोहब्बत भी…
नजर से नजर मिलते ही दुपट्टे का ख्याल होता था…
" एक झूठ बोल के तुम्हें मैं,अपने पास रख लेता मगर,साथी मैं लंबे सफऱ का था,इसलिए सच बोल दिया...l"
जिनके लिए हम लिखते है ,अक्सर , उनको ही हम कुछ लिख नहीं पाते !!
एक आवाज़, दिल को राहत दे गई,जल्दी बीते ये दिन चाहत दे गई l
इकरार और इजहार के बाद भीबदल जाता प्यार है,बस मोह्हबत एक तरफ़ा ही सहीइसमें हार में भी प्यार है l