तुझे भूल जाऊँ मेरे दिल से सिफारिश न कर,बेशक तू बेदख़ल कर दे पर लावारिस ना कर!
तुझे भूल जाऊँ मेरे दिल से सिफारिश न कर,
बेशक तू बेदख़ल कर दे पर लावारिस ना कर!
तेरे रुखसार पर ढले हैं मेरी शाम के किस्से,खामोशी से माँगी हुई मोहब्बत की दुआ हो तुम।
खुदा करे वो मोहब्बत जो तेरे नाम से है,हजार साल गुजरने पे भी जवान ही रहे।
"मैं सिसकियाँ ले रो भी नहीं सकता,
मुस्कुराने का उससे वादा किया है l"
ये बैचनी जो मेरे घर आई है,ना जाने कौनसा दर्द साथ लाई है lक्यों नज़र को, नज़र की तालाश है,क्या ये काँटों से भरा गुलाब है,या दूर कुसुमित फूल पलाश है l
"तुम रोज थोड़ा मिलना,
बहुत बाकी रह जाना,
तुम्हें खोजते-खोजते,
एक दिन खुद को पा लूँगा l"