बिन बात के ही रूठने की आदत हैकिसी अपने का साथ पाने की चाहत हैआप खुश रहें मेरा क्या है मैं तो आइना हूँमुझे तो टूटने की आदत है।
बिन बात के ही रूठने की आदत है
किसी अपने का साथ पाने की चाहत है
आप खुश रहें मेरा क्या है मैं तो आइना हूँ
मुझे तो टूटने की आदत है।
कितना रोया था मैं तेरी खातिर
अब सोचता हूँ तो हंसी आती है ..
"मुह पर जो लोग हमारी वाह वाह करते हैं llपीठ के पीछे वही लोग हाय हाय करते हैं ll"
रूठे तो इक लफ्ज़ नहीं कहती है मुंह सेबस खाने में नमक ज़्यादा कर देती है..
"आप तो मोहब्बत कीजिए साहेबनाराज़ तो हमसे ज़माना रहता है.!"
"है साथ जब वो तो,प्रेम है,जब साथ नहीं तो,प्रेम कहानी है,जिसे देख,जब गुजरे पल,प्रेम की कविता है l"