तुम्हारे साथ की ख़ामोशी भी लम्बी बातों सा सुकून देती है..
Badi najukta se pali ho tum,
Tabhi toh Gulab si khili kali ho tum.
Jisse milne ko bekarar hai hum,
Dil mein aane waali khalbali ho tum..
मेरे आँखों के ख्वाब, दिल के अरमान हो तुम, तुम से ही तो मैं हूँ , मेरी पहचान हो तुम, मैं ज़मीन हूँ अगर तो मेरे आसमान हो तुम, सच मानो मेरे लिए तो सारा जहां हो तुम।
इंकार को इकरार कहते है,खामोशी को इज़हार कहते है,क्या दस्तूर है इस दुनिया का,एक खूबसूरत सा धोखा है,जिसे लोग ‘प्यार’ कहते है..