खेलती है ज़िन्दगी से मौत की है ये अदा,
मौत के आगोश में है ज़िन्दगी रहती सदा!
एक खूबसूरत कहानी रात के आगोश में पनाह लेगी,
चाँद निकाह कराएगा और चाँदनी गवाही देगी!!
रोज़ यही शिकवा आगोश में खिलते क्यूँ नहीं,
मुलाक़ात करते हो आए दिन मिलते क्यूँ नहीं.
कल रात भर मैं, ख्वाब में उसके,आगोश में रहा,ख्वाब ही सही, मगर कुछ #पल तो,मैं उनका रहा.
कल रात भर मैं, ख्वाब में उसके,
आगोश में रहा,
ख्वाब ही सही, मगर कुछ #पल तो,
मैं उनका रहा.
तेरे आगोश में मिल जाये पनाहहम इतने खुश नसीब कहाँ
तेरे आगोश में मिल जाये पनाह
हम इतने खुश नसीब कहाँ