आते जाते हैं कई रंग मिरे चेहरे पर,
लोग लेते हैं मज़ा ज़िक्र तुम्हारा कर के!
वो आईना तो नहीं था पर आईने सा था,
वो हम नहीं थे मगर यार हू-ब-हू हम थे!
क्या आईना और क्या इंसान,
कद्र नहीं रहती टूटने के बाद!
तुम आईना क्यूं देखती हो?बेरोज़गास करोगी क्या मेरी अॉखों को..
तुम आईना क्यूं देखती हो?
बेरोज़गास करोगी क्या मेरी अॉखों को..
हर किसी के पास,अपने अपने मायने हैं।खुद को छोड़ सिर्फ दूसरों के लिये ही आईने हैं.
हर किसी के पास,अपने अपने मायने हैं।
खुद को छोड़ सिर्फ दूसरों के लिये ही आईने हैं.
आईना देख कर तसल्ली हुईहम को इस घर में जानता है कोई
आईना देख कर तसल्ली हुई
हम को इस घर में जानता है कोई