✍ बेज़ान आईने का दखल ग़वाऱा नही मुझे,
मैं केवल खुद को तेरी आँखों में देखना चाहता हुँ।
ज़रूरी है तस्वीर लेना भी,आईना गुज़रे लम्हें नहीं दिखाता….
मुस्कुरा के देखो तो सारा जहॉ रंगीन है…वरना भीगी पलकों से तो आईना भी धुंधला दिखता है..
मुस्कुरा के देखो तो सारा जहॉ रंगीन है…
वरना भीगी पलकों से तो आईना भी धुंधला दिखता है..