ज़िंदगी आगे बढ़ने का नाम है,
रुकने का नही
बहुत दूर
तक जाना पड़ता है
ये जानने के लिए,
की करीब कौन है
बेहिसाब हसरतें
न पालिये
साहब
जो मिला है
उसे संभालिये..!!
अब तो रविवार में भी कुछ यूँ मिलावट हो गयी है.कि छुट्टी तो दिखाई पड़ती है लेकिन, सुकून के पल नज़र नहीं आते||
शाम सूरज को ढलना सिखाती है;शमा परवाने को जलना सिखाती है;गिरने वालो को तकलीफ़ तो होती है;पर ठोकर ही इंसान को चलना सिखाती है।