माँ-बाप के लिए क्या शेर लिखूं,
माँ-बाप ने मुझे खुद शेर बनाया हैं।
ये मिलावटी रिश्तो का दौर है साहब..
यहाँ नफरतो से इल्जाम भी सादगी के लिबास में लगाए जाते है..
जिंदगी में अपनेपन का
पौधा लगाने से
पहले जमीन परख लेना
हर एक मिट्टी की
फितरत में वफा नहीं होती..
सफलता हमारा परिचय दुनिया को करवाती है
और असफलता हमें दुनिया का परिचय करवाती है|