दुसरो की गलतियों से सीखे, आप कभी इतना लम्बा
नही जी सकते की सारी गलतियाँ खुद करने का मौका मिले
“तजुर्बा बता रहा हूँ दोस्तदर्द,ग़म,डर जो भी है बस तेरे अंदर हैखुद के बनाए पिंजरे से निकल के देखतू भी एक सिकंदर है”
सपना एक देखोगे, मुश्किल हजार आएगी लेकिन वो मंजर बड़ा खूबसूरत होगा जब क़ामयाबी सोर मचाएगी।
“दिल समंदर जैसा रखना साहब,
देखना नदियाँ खुद ही मिलने आयेगी...”
Aaj Ka Suvichar