ना ज़रूरत उसे पूजा और पाठ की,
जिसने सेवा करी अपनी माँ-बाप की।
आज का सुविचार
"जो पानी से नहाएगा वो सिर्फ
लिबास बदल सकता है,
लेकिन
जो पसीने से नहाएगा
वो इतिहास बदल सकता है"
सेवा सबकी कीजिये मगर आशा किसी से मत रखिये क्योकि सेवा का सही मूल्य भगवान ही दे सकता है इंसान नहीं|
लोग हमारे बारे में क्या सोचते है?अगर ये भी हम सोचेंगे तो फिर लोग क्या सोचेंगे?